इस दिन रखा जाएगा करवा चौथ का व्रत

करवा चौथ व्रत महिलाओं का त्योहार है और उनके कठोर तप का​ दिन है. इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए और अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए निर्जल व्रत रहती हैं.

Update: 2021-10-01 10:23 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अक्टूबर का महीना शुरू होते ही करवा चौथ व्रत (Karwa Chauth Vrat) की चर्चा शुरू हो जाती है. करवा चौथ महिलाओं का बहुत बड़ा त्योहार है. इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए निर्जल व्रत रखती हैं. हर साल कार्तिक के महीने में कृष्ण पक्ष की चतुर्थी के दिन इस व्रत को रखा जाता है. इस दिन संकष्टी चतुर्थी भी होती है, इसलिए तमाम लोग इस दिन गणपति का पूजन करते हैं.

इस साल करवा चौथ (Karwa Chauth 2021) का व्रत 24 अक्टूबर को रखा जाएगा. मान्यता है कि इस व्रत को सबसे पहले माता पार्वती ने भगवान शिव के लिए रखा था. इस व्रत से उन्हें अखंड सौभाग्य की प्राप्ति हुई थी. तभी से महिलाओं के बीच इस व्रत को रखने की परंपरा शुरू हो गई. जानिए इस व्रत से जुड़ी तमाम जरूरी बातें.
करवा चौथ का महत्व (Karwa Chauth Significance)
पौराणिक कथा के अनुसार एक बार देवताओं और दानवों के युद्ध हुआ. दानव देवताओं पर भारी पड़ रहे थे. तब ब्रह्मा जी ने देवों को विजयी बनाने के लिए उनकी पत्नियों को करवा चौथ का व्रत रखने का सुझााव दिया था. इसके बाद देवताओं की युद्ध में जीत हुई थी. माना जाता है कि जो भी महिला इस व्रत को पूरी श्रद्धा के साथ रखती है, उसके पति के जीवन की तमाम समस्याएं टल जाती हैं और उसे दीर्घायु प्राप्त होती है. इसके अलावा वैवाहिक जीवन की परेशानियां दूर होती हैं और सौभाग्य की प्राप्ति होती है.
व्रत विधि (Karwa Chauth Vrat Vidhi)
सुबह 4 बजे उठकर घर की परंपरा के अनुसार सरगी ग्रहण करें. इसके बाद स्नान के बाद व्रत का संकल्प लें. दिन भर निर्जल व्रत रखें. शाम को सोलह श्रंगार करके तैयार हों. शिव और पार्वती की तस्वीर के समक्ष दीपक जलाएं. भगवान को रोली, चंदन, अक्षत, पुष्प, नैवेद्य, श्रंगार का सामान आदि अर्पित करें और करवा चौथ की कथा पढ़ें. इसके बाद चंद्रमा को अर्घ्य दें. पूजा समाप्त होने के बाद पति को टीका करें और मिष्ठान खिलाएं. इसके बाद उनके हाथों से पानी पीकर अपना व्रत समाप्त करें.
शुभ मुहूर्त (Karwa Chauth 2021 chand time)
व्रत तिथि : 24 अक्टूबर 2021, दिन रविवार
चतुर्थी तिथि आरंभ : 24 अक्टूबर 2021 रविवार को सुबह 03 बजकर 01 मिनट से
चतुर्थी तिथि समाप्त : 25 अक्टूबर 2021 सोमवार को सुबह 05 बजकर 43 मिनट पर
चंद्रोदय का समय : 8 बजकर 7 मिनट पर


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