Kalashtami 2025:पंचांग के अनुसार, माघ माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 21 जनवरी को दोपहर में 12 बजकर 39 मिनट से शुरू होगी और 22 जनवरी को दोपहर में 03 बजकर 18 मिनट पर खत्म होगी. ऐसे में माघ माह की कालाष्टमी 21 जनवरी को मनाई जाएगी. क्योंकी कालाष्टमी के पूजा शाम के समय होती है|
कालाष्टमी के दिन ऐसे करें पूजा-
कालाष्टमी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें.
पूजा स्थल को साफ-सुथरा करके फूलों और दीपक से सजाएं.
काल भैरव की प्रतिमा या चित्र को स्थापित करें.
काल भैरव को गंगाजल से स्नान कराएं और उन्हें फूल, चंदन, रोली, सिंदूर आदि अर्पित करें.
काल भैरव के विभिन्न मंत्रों का जाप करें और उनकी स्तुति करें.
काल भैरव को भोग लगाएं. आप उन्हें फल, मिठाई, या अन्य भोग लगा सकते हैं.
अंत में काल भैरव की आरती करें.
काले कुत्ते को रोटी खिलाएं, क्योंकि काले कुत्ते को काल भैरव का वाहन माना जाता है.
सरसों के तेल का दीपक अवश्य जलाएं.
ॐ क्लीं कालिकायै नमः
कालाष्टमी के दिन क्या करें-
आप कालाष्टमी के दिन व्रत रख सकते हैं.
काल भैरव मंत्र का जाप करें.
विशेषकर काले तिल और काले चने का दान करें.
कालाष्टमी के दिन क्या न करें
कालाष्टमी के दिन नकारात्मक विचारों से दूर रहें.
झूठ बोलने से बचें और गुस्सा करने से बचें.
मांसाहार से परहेज करें.
प्याज और लहसुन का सेवन न करें.
कालाष्टमी का दिन काल भैरव की कृपा प्राप्त करने का एक विशेष अवसर होता है. इस दिन की गई पूजा से व्यक्ति को कई लाभ मिलते हैं और जीवन में आने वाली परेशानियों का सामना भी नहीं करना होता है और सभी कष्ट दूर हो जाते हैं. कालाष्टमी के दिन सरसों के तेल का दीपक जलाने से जीवन में शुभता बनी रहती है और घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है|