Janmashtami 2021: जाने श्री कृष्ण ने जन्म के लिए कियू चुना था रात्रि 12 बजे का समय और बुधवार का दिन, जानें क्या था कारण

जन्माष्टमी का पर्व देशभर में बड़े धूम-धाम से मनाया जाता है. इस बार 30 अगस्त, सोमवार को देशभर में जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जाएगा

Update: 2021-08-27 17:59 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। Janmashtami 2021: जन्माष्टमी का पर्व देशभर में बड़े धूम-धाम से मनाया जाता है. इस बार 30 अगस्त, सोमवार को देशभर में जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जाएगा. भगवान विष्णु ने कृष्ण जी के रूप में आठवां अवतार लिया था. कंस के वध के लिए भगवान विष्णु ने कृष्ण अवतार लिया था, जिसकी आकाशवाणी पहले ही हो गई थी. जन्माष्टमी के दिन रात्रि 12 बजे कारगार के सभी ताले टूट गए थे और कारगार की सुरक्षा में खड़े सभी सैनिक गहरी नींद में सो गए. आकाश में घने बादल छा गए, तेज बारिश होने लगी और बिजली कड़कने लगी. लेकिन क्या आप जानते हैं श्री कृष्ण ने जन्माष्टमी के दिन रात्रि 12 बजे ही क्यों जन्म लिया था. इतना ही नहीं, जिस दिन श्री कृष्ण ने जन्म लिया, उस दिन बुधवार था. इनके पीछे भी एक रहस्य था. आइए डालते हैं इस रहस्य पर एक नजर

रात्रि 12 बजे क्यों जन्में थे श्री कृष्ण (Reason Why Shri Krishna Born at Midnight)
द्वापर युग में श्री कृष्ण ने रोहिणी नक्षत्र में जन्म लिया था. इसका मुख्य कारण उनका चंद्रवंशी होना था. धार्मिक मान्यता के अनुसार श्री कृष्ण चंद्रवंशी थे, उनके पूर्वज चंददेव थे और वे बुध चंद्रमा के पुत्र हैं. इसी कारण श्री कृष्ण ने चंद्रवंश में जन्म लेने के लिए बुधवार का दिन चुना था. ज्योतिषियों के अनुसार रोहिणी चंद्रमा की प्रिय पत्नी और नक्षत्र हैं, जिस कारण श्री कृष्ण ने रोहिणी नक्षत्र में जन्म लिया था. वहीं, अष्टमी तिथि को जन्म लेने का भी एक कारण था. दरअसल, अष्टमी तिथि शक्ति का प्रतीक है. श्री कृष्ण शक्तिसम्पन्न, स्वमंभू और परब्रह्मा हैं इसलिए वो अष्टमी को जन्में थे. कहते हैं कि चंद्रमा रात में निकलता है और उन्होंने अपने पूर्वजों की उपस्थिति में जन्म लिया था.
इतना ही नहीं, ऐसा भी कहा जाता है कि चंद्र देव की इच्छा थी कि श्री हरि विष्णु भगवान मेरे कुल में कृष्ण रूप में जन्म लें और मैं उनका प्रत्यक्ष दर्शन कर सकूं. पौराणिक कथाओं के अनुसार कृष्ण जन्म के समय धरती से आकाश तक सारा वातावरण सकारात्मक हो गया था. इतना ही नहीं, श्रीकृष्ण ने योजनाबद्ध तरीके से मथुरा में अवतार लिया था


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