कन्या पूजन कर रहे हैं तो जरूर जान लें कन्याओं की उम्र से जुड़ी ये अहम बात
हिंदू धर्म में बच्चियों को देवी का रूप माना गया है इसलिए नवरात्रि का पर्व कन्या पूजन के बिना पूरा नहीं होता है. नवरात्रि में अष्टमी और नवमी के दिन कन्या पूजन किया जाता है. ऐसा करने से मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं.
हिंदू धर्म में बच्चियों को देवी का रूप माना गया है इसलिए नवरात्रि का पर्व कन्या पूजन के बिना पूरा नहीं होता है. नवरात्रि में अष्टमी और नवमी के दिन कन्या पूजन किया जाता है. ऐसा करने से मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं. जीवन में अपार धन-समृद्धि और सुख आता है. धर्म-शास्त्रों में कन्या पूजन की सही विधि के साथ-साथ कन्याओं की सही उम्र को लेकर भी बताया गया है. इसके अनुसार 2 से 10 वर्ष तक की कन्याओं का कन्या पूजन करना चाहिए और हर उम्र की कन्या की पूजन करने का महत्व भी बताया गया है.
कन्याओं की उम्र और उनकी पूजन से होने वाला लाभ
इस साल शारदीय नवरात्रि पर कन्या पूजन करने का दिन यानी कि अष्टमी 3 अक्टूबर और नवमी 4 अक्टूबर को है. इस दिन कन्याओं को सम्मानपूर्वक भोजन कराएं. भोजन में हलवा, पूरी, खीर परोसें. कन्याओं को तिलक लगाकर लाल चुनरी, पैसे भेंट में दें और पैर छूकर आशीर्वाद लें. इनमें हर उम्र की कन्या का पूजन करने का अलग महत्व है.
2 वर्ष- 2 वर्ष तक की छोटी सी कन्या का पूजन करने से दुःख और गरीबी दूर होती है. घर में सुख और समृद्धि आती है.
3 वर्ष- 3 वर्ष की कन्या का पूजन करने से घर में शांति रहती है. साथ ही धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष की प्राप्ति होती है. यानी कि पुण्य के साथ-साथ धन भी मिलता है और मोक्ष जाने के द्वार खुलते हैं.
4 वर्ष- 4 वर्ष की कन्या का पूजन करने से बुद्धि बढ़ती है. ज्ञान बढ़ता है और राजाओं जैसा सुख मिलता है.
5 वर्ष- 5 साल की कन्या का पूजन गंभीर रोगों से मुक्ति दिलाता है. साथ ही सुख-समृद्धि मिलती है.
6 वर्ष- नवरात्रि में 6 साल की कन्याओं का पूजन करने से शत्रु पर विजय मिलती है और शक्ति मिलती है.
7 वर्ष- 7 साल की कन्या का पूजन करने से धन और ऐश्वर्य बढ़ता है.
8 वर्ष- 8 साल की कन्याओं का पूजन करने से कोर्ट-कचहरी के मामलों में सफलता मिलती है.
9 वर्ष- 9 साल की कन्या का पूजन करने से कष्टों से राहत मिलती है. बुराइयां दूर होती हैं.
10 वर्ष- 10 साल की कन्या का पूजन करने से बिगड़े काम बनने लगते हैं और मनोकामनाएं पूरी होती हैं.