यहाँ पत्थर और अंगारों से खेली जाती है होली

राजस्थान के बांसवाड़ा और डूंगरपुर जिले में कुछ आदिवासी रहते हैं

Update: 2023-03-06 18:51 GMT
फाल्गुन के महीने की पूर्णिमा तिथि के दिन होलिका दहन किया जाता है. इसके अगले दिन होली खेलते हैं. इस बार 7 मार्च को होलिका दहन और 8 मार्च को होली खेलने का दिन है. देशभर में अलग-अलग तरह से होली खेली जाती है. कहीं फूल से, कहीं रंगों से, कहीं लाठी से तो कहीं राख से लोग होली खेलते हैं लेकिन क्या आपने कभी खूनी होली के बारे में सुना है? होली से जुड़ी इस मान्यता के बारे में सुनकर आपके रौंगटे खड़े हो जाएंगे. ऐसी दास्तान शायद ही आपने कभी सुनी होगी.
भारत में कहां होती है ‘खूनी होली’? (Holi 2023 Unique Traditions)
राजस्थान के बांसवाड़ा और डूंगरपुर जिले में कुछ आदिवासी रहते हैं. ये आदिवासी लोग बहुत ही खतरनाक तरह से होली मनाते हैं जिसे ‘खूनी होली’ कहते हैं. होली के खास मौके पर लोग यहां जलते हुए अंगारे पर चलते हैं और इसके बाद दो टोलियां बनती है. ये दोनों टोली के लोग एक-दूसरे पर पत्थर बरसाते हैं. इस पत्थर बारी में लोग घायल भी होते हैं और ऐसी मान्यता है कि जिन लोगों के खून निकलता है उनका आने वाला समय अच्छा होता है. इसलिए लोग कोशिश करते हैं कि उनका खून निकल जाएग. ये प्रथा सुनने में काफी अजीब है लेकिन ये बिल्कुल सच है. होली खेलने का ये अंदाज आपने शायद ही सुना होगा. रिपोर्ट्स के मुताबिक, यहां ये आदिवासी दशकों से इस प्रथा को अपना रहे हैं.
इसी तरीके से मध्य प्रदेश के रायसेन जिले के सिलवानी क्षेत्र में होलिका दहन खूनी तरीके से होता है. यहां बच्चे और बूढ़ी महिलाएं सामिल होती हैं. यहां पर अंगारों पर चलने वाली परंपरा सालों से चल रही है. इस परंपरा को लेकर लोगों की मान्यता है कि परिवार के लोग पर किसी तरह की मुसीबतें नहीं आती हैं और रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस परंपरा में आज तक किसी को चोट नहीं लगी है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भारत बहुत ही रहस्यमयी देश माना जाता है. यहां पर गहराई में जाने पर कई चीजों पता चलता है जिसके बारे में खुद भारतवालों ने आज तक नहीं सुना होता है.
Tags:    

Similar News

-->