किसी भी अच्छे काम के लिए मन को एकाग्र रखना है जरूरी, जिससे हमारा मन हमेशा रहेगा शांत
विद्यार्थी हो, व्यापारी हो, नौकरी करने वाले हों, सभी को एकाग्रता की जरूरत होती है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कहानी - सरयू के तट पर बैठकर गोस्वामी तुलसीदास प्रवचन दिया करते थे। वे लोगों की शंकाओं का समाधान भी करते थे। एक दिन तुलसीदासजी आंखें बंद करके कुछ जप रहे थे। एक व्यक्ति ने पूछा, 'आप आंखें बंद कर किसे याद कर रहे हैं?'
तुलसीदासजी ने कहा, 'मेरे राम को।'
व्यक्ति ने पूछा, 'तो क्या ये जरूरी है कि नाम जप किया जाए?'
तुलसीदासजी ने कहा, 'हां, ये बहुत जरूरी है। नाम जप करने से मन नियंत्रित होता है और नियंत्रित मन मनुष्य को शांत बनाता है।'
उस व्यक्ति ने फिर कहा, 'जब नाम जप करने बैठो और मन न लगे तो क्या करना चाहिए?'
तुलसीदासजी बोले, 'कई लोग कहते हैं, जप में मन नहीं लगता और ऐसा कहकर भगवान की भक्ति छोड़ देते हैं। मन लगे या न लगे, नाम जप करते रहो। मन की भूमि पर जप के बीच बोओगे तो किसी न किसी दिन ये उगेंगे। बीज को उल्टा बोओ या सीधा, समय आने पर धरती पर उग आता है। इस मन रूपी धरती पर नाम जप का बीज बोते रहना चाहिए।'
सीख - हम जब भी कोई अच्छा काम करने जाते हैं तो मन की एकाग्रता जरूरी होती है। विद्यार्थी हो, व्यापारी हो, नौकरी करने वाले हों, सभी को एकाग्रता की जरूरत होती है। अशांत मन एकाग्रता को भंग करता है। तुलसीदासजी ने हमें बताया है कि अपनी एकाग्रता यानी नाम जप भंग नहीं करना चाहिए। नाम जप करते रहें। एक न एक दिन इसका फल जरूर मिलेगा और हमारा मन शांत हो जाएगा।