वास्तु के इन नियमों का पालन जरूर करें आएगी सुख समृद्धि
घर के पश्चिम दिशा में टॉयलेट रहना चाहिए। इसके लिए घर बनाते समय पश्चिम दिशा में टॉयलेट बनाएं
सनातन धर्म में वास्तु दोष का विशेष महत्व है। गृह निर्माण से लेकर प्रवेश तक वास्तु नियमों का पालन किया जाता है। इसमें किसी प्रकार की त्रुटि या लापरवाही बरतने से जीवन में अथिरता आ जाती है। साथ ही आय स्त्रोत पर भी विराम लगने लगता है। इसके अलावा, मानसिक परेशानी भी होती है। इसके लिए वास्तु पंडित हमेशा वास्तु नियमों का पालन करने की सलाह देते हैं। अगर आप भी जीवन में सुख और समृद्धि पाना चाहते हैं, तो वास्तु के इन नियमों का पालन जरूर करें। आइए जानते है-
-सूर्य ऊर्जा का एकमात्र स्त्रोत है। इसके लिए वास्तु में पूर्व दिशा में दरवाजा रखने की सलाह है। इस दिशा में दरवाजा और खिड़की रहने से घर में हमेशा सकारात्मक ऊर्जा का आगमन होता है।
-घर के पश्चिम दिशा में टॉयलेट रहना चाहिए। इसके लिए घर बनाते समय पश्चिम दिशा में टॉयलेट बनाएं। अगर किसी अन्य दिशा में टॉयलेट बनाते हैं, तो इससे घर में नकारात्मक एनर्जी आती है।
-वास्तु जानकारों की मानें तो उत्तर दिशा में देवी देवताओं का वास होता है। इसके लिए उत्तर दिशा को भंडार घर भी कहा जाता है। इस दिशा में दरवाजे और खिड़की होने चाहिए। इस दिशा में बालकनी भी रखना फायदेमंद होता है। साथ ही मुख्य दरवाजा भी उत्तर दिशा में रखना चाहिए।
-वहीं, वायव्य कोण में बेडरूम रहना फायदेमंद होता है। इस दिशा में बेडरूम, गैरेज आदि चीजें होना चाहिए।
-वास्तु शास्त्र की मानें तो दक्षिण दिशा में शौचालय नहीं होना चाहिए। इस दिशा में खिड़की और दरवाजे न रखें। इससे घर में क्लेश बढ़ता है। वहीं, पूजा घर और स्विमिंग पूल न रखें।
-अगर आप जीवन में सुख और समृद्धि पाना चाहते हैं, तो दक्षिण-पश्चिम दिशा में तिजोरी रखें। आप चाहे तो तिजोरी के लिए उत्तर दिशा का चयन कर सकते हैं। इस दिशा में घर के मुखिया का कमरा होना चाहिए।