बुधवार के दिन करें 'बुध ग्रह' का व्रत, बनेंगे बिगड़े काम

हिंदू धर्म में हर सप्ताह के सातों दिन किसी न किसी भगवान को समर्पित है. सप्ताह का तीसरा दिन बुधवार है और बुधवार, बुध ग्रह के नाम है

Update: 2021-01-20 04:02 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेसक | हिंदू धर्म में हर सप्ताह के सातों दिन किसी न किसी भगवान को समर्पित है. सप्ताह का तीसरा दिन बुधवार है और बुधवार, बुध ग्रह के नाम है. इस दिन बुध ग्रह की पूजा की जाती है. हालांकि बुधवार के दिन गणपति की भी पूजा करने का विधान है. बुध ग्रह की पूजा बुधवार को ही की जाती है.

ऐसा कहा जाता है कि कुंडली में बुध ग्रह के अशुभ स्थिति में रहने पर बुधवार को गणपति की पूजा करने पर विशेष लाभ होता है. हिंदू मान्यता के अनुसार, अगर आपके घर में धन आता तो है लेकिन रुकता नहीं है या बेवजह धन खर्च होता रहता है और घर में क्लेश होता रहता है तो इसके लिए आप बुधवार को व्रत या पूजन करके इसे दूर कर सकते हैं. ऐसा माना जाता है कि ये व्रत बुध ग्रह के अशुभ प्रभाव को दूर करता है.
इस व्रत को लेकर कई तरह की मान्यताएं हैं. आपको हम यहां उन्हीं कुछ मान्यताओं के बारे में बता रहे हैं-
ऐसी मान्यता है कि बुधवार का व्रत अंधेर यानी कृष्ण पक्ष की बजाए चांदन यानी शुक्ल पक्ष में रखने की शुरुआत करनी चाहिए.
ये व्रत किसी भी माह के शुक्ल पक्ष के पहले बुधवार से करना शुभ माना जाता है.
ऐसा कहा जाता है कि बुधवार का व्रत कम से कम 21 बुधवारों तक और अधिक से अधिक 41 बुधवारों तक रखने से अच्चा फल देता है.
अन्य व्रतों की ही तरह इस व्रत में भी नमक पूरी तरह से वर्जित होता है.
बुधवार को खाने में मूंग की दाल या पंजीरी या फिर हलवा का भोग लगाने से वो जल्द प्रसन्न होते हैं.
इस व्रत में भी दान को विशेष महत्व दिया गया है. ऐसा माना जाता है कि बुधवार का व्रत रखने के दौरान दान के बाद ही भोजन ग्रहण करना चाहिए.


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