Dussehra 2020: आज 25 अक्टूबर को मनेगा विजयादशी का त्योहार, जानें शुभ मुहूर्त

Dussehra 2020: दशहरा को बुराई पर अच्छाई की जीत पर सबसे बड़ा प्रतीक माना जाता है।

Update: 2020-10-25 12:23 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | Dussehra 2020: दशहरा को बुराई पर अच्छाई की जीत पर सबसे बड़ा प्रतीक माना जाता है। दशहरा, हिंदूओं का प्रमुख त्यौहार है। हर वर्ष यह पर्व आश्विन मास शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि के दिन मनाया जाता है। पूरे देश में यह परंपरा है कि विजयादशी के दिन रावण के पुतले को फूंका जाता है। इस साल कोरोना को देखते हुए त्यौहार का जश्न कुछ कम ही देखने को मिलेगा। हालांकि, दशहरे की पूजा आप अपने घर पर तो कर ही सकते हैं। आइए जानते हैं कि आखिर इस साल कब मनाया जाएगा दशहरा और क्या है शुभ मुर्हूत

दशहरा का शुभ मुहूर्त:

ज्योतिषाचार्य पं. दयानंद शास्त्री ने बताया कि पचांग के अनुसार, इस वर्ष दशहरा का पर्व 25 अक्टूबर 2020 को मनाया जाएगा। इस दिन यानी 25 अक्टूबर को सूर्य तुला राशि और चंद्रमा मकर राशि में होगा। साथ ही इस दिन धनिष्ठा नक्षत्र भी रहेगा। इस बार नवरात्रि 8 दिन में ही बीत जाएंगे। दशहरा का त्यौहार दीवाली से ठीक 20 दिन पहले आता है। अष्टमी और नवमी तिथियों को दुर्गापूजा एक ही दिन होगी। 24 अक्टूबर को सवेरे 06 बजकर 58 मिनट तक अष्टमी है और उसके बाद नवमी लग जाएगी।

विजय मुहूर्त- 13:55 से 14:40

अपराह्न पूजा समय- 13:11 से 15:24

दशमी तिथि आरंभ- 07:41 (25 अक्टूबर)

दशमी तिथि समाप्त- 08:59 (26 अक्टूबर)

दशहरे के दिन की जाती है शस्त्र पूजा:

दशहरे के दिन केवल श्री राम की ही नहीं बल्कि महिषासुर मर्दिनी मां दुर्गा की भी पूजा की जाती है। नवरात्रि में 9 दिनों तक मां दुर्गा ने महिषासुर से युद्ध किया और दसवें दिन यानी विजयदशमी के दिन महिषासुर का मां दुर्गा ने संहार किया था। दशहरे के दिन मां दुर्गा की पूजा करने से जीवन की हर बाधा का नाश होता है और विजय प्राप्त होती है। इस दिन अस्त्र-शस्त्र की पूजा करना बड़ा फायदेमंद होता है। दशहरे के दिन शस्त्रों की पूजा की जाती है। इस दिन सनातन परंपरा में शस्त्र और शास्त्रा दोनों का खास महत्व होता है और शास्त्र की रक्षा और आत्मरक्षा के लिए धर्मसम्म्त तरीके से शस्त्र का प्रयोग होता है। 

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