देवी लक्ष्मी से है शंख का खास रिश्ता, पूजाघर में रखते ही दिखने लगता है चमत्कार

सनातन परंपरा में की जाने वाली पूजा में शंख बजाने का बहुत महत्व है।

Update: 2021-07-12 08:54 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | सनातन परंपरा में की जाने वाली पूजा में शंख बजाने का बहुत महत्व है। हिंदू देवी-देवताओं के शंख को देखकर उसकी पवित्रता और महत्व का अंदाजा स्वयं ही लगाया जा सकता है। समुद्र मंथन से निकले 14 रत्नों में से एक शंख भी है। शंख जितना भगवान विष्णु का प्रिय है, उतना ही माता लक्ष्मी को भी प्रिय है। समु्द्र मंथन से स्वयं माता लक्ष्मी का भी प्रादुर्भाव हुआ था, ऐसे में शंख को उनका भाई माना जाता है। हमारे देश में जहां कहीं भी भगवान श्री सत्य नारायण की पूजा होती है, वहां पर शंख जरूर बजाया जाता है। आइए जानते हैं शंख से जुड़े विभिन्न लाभ के बारे में –

– शंख को दरिद्रता एवं दु:ख दूर करने वाला बताया गया है। जिस घर में दक्षिणावर्ती शंख रहता है, उस घर में माता लक्ष्मी स्थायी रूप से निवास करती हैं। माता लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए दक्षिणावर्ती शंख को अपने घर में विधि-विधान से स्थापित करें और प्रतिदिन माता लक्ष्मी के साथ इसकी भी पूजा करें।
– जिस घर या परिसर में प्रतिदिन शंख बजता है, वहां पर किसी प्रकार की बाधा नहीं आती है। शंख से निकलने वाली ध्वनि नकारात्मक उर्जा को नष्ट कर देती है।
– व्यवसाय में आ रही बाधाओं को दूर करने और उसमें वृद्धि के लिए दक्षिणाव​र्ती शंख को अपने व्यापारिक स्थल पर भगवान विष्णु की फोटो के नीचे रखें और प्रतिदिन इसकी पूजा करके इस शंख में गंगाजल भर कर पूरे कार्यालय में छिड़कें।
– दांपत्य जीवन में मधुरता के लिए सीसे के बने कटोरे में लघु मोती शंख रखकर उसे अपने बेड के पास रखें। शंख के इस उपाय से नकारात्मक उर्जा दूर होगी और पति-पत्नी के सामंजस्य बढ़ेगा और संबंध हमेशा मधुर बने रहेंगे।
– यदि आपका विदेश जाने का सपना है और आपके इस लक्ष्य में लगातार बाधाएं आ रही हैं तो आप शंख से जुड़ा उपाय कर सकते हैं। इसके लिए आप अपनी माता के हाथ से चावल भरा एक दक्षिणावर्ती शंख लेकर उसे उस जगह पर रखें, जहां पर आपके विदेश जाने संबंधी कागजात रखे हों। इस उपाय से विदेश जाने की राह में आ रहे सभी रोड़े दूर होंगे।
– यदि शंख की पूजा तुलसी से करें तो घर में किसी प्रकार के क्लेश, बीमारी, दुख-दरिद्रता आदि का प्रवेश नहीं होता है।
– शंख बजाने से सिर्फ धार्मिक लाभ ही नहीं बल्कि शारीरिक लाभ भी मिलता है। शंख बजाने से योग की तीन क्रियाएं – पूरक, कुंभक और प्राणायाम एक साथ संपन्न होती हैं।


Similar News

-->