22 अगस्त को सावन के महीने का आखिरी दिन है. इस दिन श्रावण पूर्णिमा है, साथ ही रक्षा बंधन का पावन त्योहार भी है. पूर्णिमा की तिथि 21 अगस्त को शाम 07:02 बजे शुरू होगी और 22 अगस्त को शाम 05:33 बजे समाप्त होगी. कहा जाता है कि सावन मास की इस पूर्णिमा तिथि पर महादेव के साथ साथ भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा की जाए तो बहुत शुभ होता है.
ऐसे में भोलेनाथ के साथ मां लक्ष्मी और नारायण की भी कृपा घर में बनी रहती है और जीवनभर धन धान्य आदि की कमी नहीं होती. अगर आपके घर पर आर्थिक संकट है तो आपके लिए पूर्णिमा का दिन और भी खास है क्योंकि इस दिन से लेकर अगले 40 दिनों तक आप अष्ट लक्ष्मी प्रयोग करके माता लक्ष्मी को बेहद प्रसन्न कर सकते हैं. ये अचूक प्रयोग आपके जीवन में धन की ऐसी वर्षा करेगा कि आप जीवन भर कभी धन संबन्धी कष्टों का सामना नहीं करेंगे.
ऐसे होगा अष्टलक्ष्मी प्रयोग
अष्टलक्ष्मी प्रयोग को करने के लिए सबसे पहले लक्ष्मी माता का ऐसा चित्र खरीदकर लाएं जिसमें वे कमल पर आसीन हों और उनके दोनों तरफ हाथी उनकी सेवा कर रहे हों. इस प्रकार की लक्ष्मी को ज्येष्ठा लक्ष्मी कहा जाता है. इसके बाद लक्ष्मी माता की तस्वीर और यंत्र की पूर्णिमा के दिन से लेकर अगले 40 दिनों तक रोजाना पूजा करें और कमलगट्टे की माला से 'ओम श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ऊं महालक्ष्म्यै नम:' मंत्र का नियमित रूप से जाप करें. आपको रोजाना कम से कम 29 माला का जाप करना है. इस तरह रोजाना जाप करने से 40 दिनों में सवा लाख जाप संपन्न हो जाएंगे.
40वें दिन कन्याओं को कराएं भोज
40वें दिन आपको इसी मंत्र से कमलपत्र, बिल्वपत्र या दुग्धस्रावित स्निग्ध औषधियों से बनी खीर से 108 आहुति देकर हवन करना है. हवन के बाद 5 या 7 कन्याओं को घर पर बुलाकर उन्हें भोजन कराएं और खीर खिलाएं. उनका पूजन करें और यथा सामर्थ्य दक्षिणा देकर, उनके पैर छूकर सम्मानपूर्वक विदा करें. इतना सब पूर्ण करने के बाद मंत्र सिद्ध हो जाएगा. इसके बाद आपके जीवन में धन से जुड़ी तमाम समस्याएं अपने आप खत्म होने लगेंगी. व्यापार में दिन दूनी रात चौगुनी तरक्की होगी. नौकरी में प्रमोशन होगा और आप तेजी से आगे बढ़ते जाएंगे. 40 दिन पूरे होने के बाद भी आप लक्ष्मी जी प्रतिमा और उनके यंत्र का नियमित पूजन करें और उस मंत्र का श्रद्धानुसार जाप करते रहें.