स्कंद षष्ठी के दिन इन मंत्रों का करें जाप...आप पर सदा बनी रहेगी भगवान कार्तिकेय की कृपा

आज माघ माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि है। आज के दिन स्कंद षष्ठी की पूजा और व्रत किया जाता है।

Update: 2021-02-17 02:33 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्कआज माघ माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि है। आज के दिन स्कंद षष्ठी की पूजा और व्रत किया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन माता पार्वती और स्वयंभू शिव शंकर के पुत्र कार्तिकेय की पूजा व व्रत किया जाता है। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, स्कंद, षष्ठी तिथि और मंगल ग्रह के स्वामी माने जाते हैं। इनका निवास स्थान दक्षिण दिशा में माना जाता है। इसलिए दक्षिण भारत में इनकी पूजा पूरी विधि-विधान और उत्साह के साथ की जाती है। कहा जाता है कि अगर इस दिन भगवान कार्तिकेय की पूजा और व्रत किया जाए तो व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि आती है। साथ ही सभी तरह की परेशानियां दूर हो जाती हैं।

पौराणिक कथाओं के अनुसार, एक बार अपने माता-पिता और छोटे भाई श्री गणेश से नाराज होकर भगवान कार्तिकेय कैलाश पर्वत छोड़ चले गए थे। वे मल्लिकार्जुन आ गए थे जो शिव जी का ज्योतिर्लिंग है। यहां पर स्कंद षष्ठी के दिन भगवान कार्तिकेय ने दैत्य तारकासुर का वध किया था। यह वही तिथि है जब देवताओं की सेना के सेनापति भगवान कार्तिकेय को नियुक्त किया गया था। स्कंद षष्ठी के दिन भगवान कार्तिकेय की पूजा करते समय उनकी आरती और कथा का पाठ अवश्य करना चाहिए। लेकिन साथ के साथ उनके मंत्रों का जाप भी जरूर करना चाहिए। आइए पढ़ते हैं इन मंत्रों को।
भगवान कार्तिकेय की पूजा का मंत्र-
देव सेनापते स्कंद कार्तिकेय भवोद्भव।
कुमार गुह गांगेय शक्तिहस्त नमोस्तु ते॥

शत्रु नाश के लिए पढ़ें ये मंत्र-

ॐ शारवाना-भावाया नम:

ज्ञानशक्तिधरा स्कंदा वल्लीईकल्याणा सुंदरा

देवसेना मन: कांता कार्तिकेया नामोस्तुते।

कार्तिकेय गायत्री मंत्र:

ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महा सैन्या धीमहि तन्नो स्कंदा प्रचोदयात:।


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