Chanakya Niti : जो व्यक्ति करता हैं ये 3 काम, उसके मान-सम्मान में आती हैं कमी
आचार्य चाणक्य की बातें सुनने में बेशक थोड़ी कठोर लगती हैं, लेकिन अगर आप व्यवहारिक स्तर पर इसे परखने का प्रयास करेंगे तो आपको पता चल जाएगा कि आचार्य चाणक्य की कही हर बात इंसान के जीवन को बेहतर बनाने के लिए है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आचार्य चाणक्य की बातें सुनने में बेशक थोड़ी कठोर लगती हैं, लेकिन अगर आप व्यवहारिक स्तर पर इसे परखने का प्रयास करेंगे तो आपको पता चल जाएगा कि आचार्य चाणक्य की कही हर बात इंसान के जीवन को बेहतर बनाने के लिए है. आचार्य कुशल राजनीतिज्ञ, कूटनीतिज्ञ, अर्थशास्त्री और समाजशास्त्री होने के साथ एक महान शिक्षक भी थे. अपने जीवन में उन्होंने तमाम शिष्यों के भविष्य को उज्जवल किया.
वे इतने दूरदर्शी थे कि आने वाली परिस्थिति को पहले से ही भांप लेते थे और उसके हिसाब से अपनी तैयारी करते थे. उनकी रचना नीतिशास्त्र में भी उनकी दूरदर्शिता के प्रमाण मिलते हैं. इस लोकप्रिय ग्रंथ में आचार्य की सदियों पहले कही बातें आज के समय में भी सटीक साबित होती हैं. यदि व्यक्ति उन्हें अपनाने का प्रयास करे, तो तमाम मुश्किलों से आसानी से पार पा सकता है. आचार्य ने हर किसी को कुछ आदतों को त्यागने की बात कही है, वर्ना व्यक्ति का मान-सम्मान में कमी आना तय है.
बुराई करना
कुछ लोगों की बुराई करने की आदत होती है. वे कभी किसी के अंदर खूबियों को देख ही नहीं पाते. हमेशा दूसरों की बुराई करते हैं. ऐसे लोग हमेशा दूसरों की नजर में अपने मान-सम्मान को कम करते हैं. इस आदत को फौरन छोड़ देना चाहिए और ऐसे लोगों से दूरी बनाकर रखनी चाहिए.
झूठ बोलना
जीवन में अगर मान-सम्मान कमाना है तो हमेशा सत्य बोलिए और सत्य का ही साथ दीजिए. ऐसे लोगों पर दूसरे लोगों का भरोसा बढ़ता है और उनसे न्याय की उम्मीद की जाती है. लेकिन कुछ लोग बात बात पर झूठ बोलते है. ऐसे लोग सिर्फ अपना काम निकालने से मतलब रखते हैं और अपने स्वार्थ के लिए ही झूठ बोलते हैं. ऐसे लोगों को कभी कोई सम्मान की दृष्टि से नहीं देखता. याद रखिए यदि जीवन में लोगों से प्यार और सम्मान चाहिए तो धर्म के मार्ग पर चलिए क्योंकि कोई झूठ कभी लंबे समय तक नहीं टिकता. आखिरकार विजय सत्य की ही होती है.
बढ़ा-चढ़ाकर बोलना
कुछ लोगों को हर जगह अपनी जय जयकार सुनने की आदत होती है, इसलिए वे खुद को बहुत योग्य, समझदार और बुद्धिमान साबित करने के लिए बढ़ा चढ़ाकर बातें करते हैं. लेकिन जब तक कोई आपको नहीं जानता, तब तक ही वो आपकी बातों पर यकीन करता है. जिस दिन वो आपको जान जाएगा, आप सही भी बोलेंगे, तो भी आप पर यकीन नहीं करेगा. इसलिए कभी भी बातों को बढ़ा चढ़ाकर मत बोलिए. ऐसे लोग दूसरों की नजर में अपने मान-सम्मान को खो देते हैं.