चाणक्य नीति : मुश्किल समय में आचार्य की ये 5 बातें याद रखें
जीवन में सुख और दुख का सिलसिला चलता रहता है. व्यक्ति कभी बहुत अच्छा समय जीता है तो कभी उसे बहुत चुनौतीपूर्ण जीवन जीना पड़ता है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। जीवन में सुख और दुख का सिलसिला चलता रहता है. व्यक्ति कभी बहुत अच्छा समय जीता है तो कभी उसे बहुत चुनौतीपूर्ण जीवन जीना पड़ता है. ज्यादातर लोग सुख के बाद आए दुख को सह नहीं पाते और इसके कारण या तो डिप्रेशन में आने लगते हैं, या जल्दबाजी में कोई न कोई गलत कदम उठा लेते हैं.
इसके कारण उन्हें काफी नुकसान उठाना पड़ता है. जबकि व्यक्ति को हर परिस्थिति में अपनी बुद्धि को सम भाव में रखना चाहिए ताकि सुख आने पर अहंकार उसको न घेरे और दुख आने पर वो अपना विवेक बनाकर रखे. आचार्य चाणक्य ने अपने ग्रंथ नीतिशास्त्र में ऐसी तमाम बातों का जिक्र किया है जो व्यक्ति को दुख के समय में विवेक के साथ जीने और सही निर्णय लेने की सीख देती हैं. जानिए क्या कहती है चाणक्य नीति.
मुश्किल समय में आचार्य की ये बातें याद रखें
1. हमेशा सजग और सावधान रहें क्योंकि मुश्किल वक्त में व्यक्ति कई बार परेशान होकर गलत निर्णय ले लेता है. उसकी जरा सी चूक उसे और बड़ी मुश्किल में डाल सकती है. इसलिए अपना धैर्य और विवेक बनाकर रखें और सावधान रहें.
2. चाहे कितनी ही मुश्किल आ जाए, हिम्मत मत हारिए और ठोस रणनीति बनाकर चरणबद्ध तरीके से आगे बढ़िए. ध्यान रखिए अगर किसी भी कार्य में सफलता प्राप्त करनी है, तो उसके लिए आपको सही रणनीति जरूर बनानी पड़ेगी. दिशाहीन होकर चलने वाले को मंजिलें नहीं मिला करतीं.
3. मुसीबत के समय में आपको सिर्फ अपना ही नहीं, बल्कि अपने परिवार के लोगों का भी विशेष खयाल रखना चाहिए. उनका साथ निभाना चाहिए और उनकी सुरक्षा का पूरा खयाल रखना चाहिए. यदि परिवार के लोगों पर कोई मुसीबत आ गई है, तो आपको प्राथमिकता के साथ उन्हें उस मुसीबत से बचाना चाहिए.
4. पहला सुख निरोगी काया है. यानी खुद की सेहत का बेहतर खयाल रखें और खुद को निरोगी बनाकर रखें. तभी आप किसी भी योजना में सफलता से पार जा सकते हैं. यदि आप बीमार होंगे, तो चाहकर भी काम को बेहतर तरीके से नहीं कर पाएंगे.
5. धन का हमेशा संचय करके रखिए. मुसीबत के समय धन ही आपका वो मित्र होता है, जो सबसे ज्यादा साथ देता है. यदि आपके पास धन नहीं है, तो आपके लिए समस्याएं कहीं ज्यादा विकराल हो जाएंगी.