Lohri Importance: लोहड़ी की अग्नि में क्या-क्या चीजें डाली जाती हैं, क्या है उनका महत्व

Update: 2025-01-10 02:17 GMT
Lohri Importance: विशेषकर उत्तर भारत में लोहड़ी पर्व की धूम होती है। हालांकि आजकल पूरे भारतवर्ष में धूमधाम से लोहड़ी का पर्व मनाया जाता है। लोहड़ी पर जलाई जाने वाली अग्नि को बहुत ही पवित्र माना जाता है। इस अग्नि में कई तरह की चीजें भेंट की जाती है जिसे ‘चर्खा चढ़ाना’ भी कहते हैं। लोहड़ी की पवित्र अग्नि से वातावरण शुद्ध होता है और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार बढ़ता है। यह पर्व सूर्य देव और अग्नि देव को समर्पित है। आइए जानते हैं इस साल कब मनाई जाएगी लोहड़ी और लोहड़ी की अग्नि में कौन-कौन सी चीजें डाली जाती हैं।
लोहड़ी धार्मिक आस्था और पारंपरिक पर्व होने के साथ ही कृषि समाज की मेहनत, एकता और खुशहाली का भी उत्सव है। यह पर्व मकर संक्रांति के एक दिन पूर्व की रात्रि को बहुत ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है। मकर संक्रांति का त्योहार इस साल 14 जनवरी 2025 को है। वहीं लोहड़ी 13 जनवरी 2025 को मनाई जाएगी। लोहड़ी के पर्व को सर्दियों के कम होने और रबी फसल की कटाई के प्रतीक के रूप में भी देखा जाता है।
लोहड़ी में क्यों
जलाते हैं अग्नि
लोहड़ी की अग्नि को बहुत ही पवित्र माना जाता है। लोहड़ी पर अग्नि जलाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। लोहड़ी पर शाम में एक खाली स्थान पर सभी लोग इकट्ठा होते हैं और अग्नि जलाई जाती है। अग्नि की जलाने के बाद सभी लोग अग्नि के इर्द-गिर्द इकट्ठा होकर अग्नि की परिक्रमा करते हैं और सुख समृद्धि व सौभाग्य की कामना करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आखिर लोहड़ी पर क्यों जलाई जाती है?
दरअसल लोहड़ी पर अग्नि जलाने की परंपरा माता सती से जुड़ी है। पौराणिक और धार्मिक कथा के अनुसार, एक बार सती के पिता राजा दक्ष ने महायज्ञ का अनुष्ठान किया। इस यज्ञ में उन्होंने सभी देवताओं को आमंत्रित किया। लेकिन शिवजी और सती को नहीं बुलाया। माता सती को जब पिता के घर होने वाले यज्ञ का पता चला तो वह वहां जाने के लिए व्याकुल हो गई और शिवजी के वहां जाने की जिद्द करने लगी। शिव जी के बहुत मना करने पर भी सती नहीं मानी और आखिरकार वह महायज्ञ में पहुंच गई। लेकिन माता को छोड़कर वहां सभी का व्यवहार सती को बदला-बदला सा लगा। पिता दक्ष ने सभी के सामने शिव की बहुत निंदा की, जिससे आहत होकर सती ने यज्ञ की अग्निकुंड में अपने देह त्याग दिए। इसलिए लोहड़ी की अग्नि को माता सती के त्याग और समर्पण का प्रतीक माना जाता है। लोहड़ी पर जलाई जाने वाली अग्नि माता सती को समर्पित होती है।
लोहड़ी की अग्नि में क्या-क्या चीजें डाली जाती हैं
लोहड़ी की अग्नि में मूंगफली, गजक, रेवड़ी, तिल, फुलिया (पॉपकॉर्न) आदि जैसी चीजें डाली जाती हैं। लोहड़ी पूजन में इन चीजों को डालकर पूजन किया जाता है। इसके बाद सभी सात बार अग्नि की परिक्रमा करते हैं। परिक्रमा पूरी होने के बाद सभी लोग बड़े-बुजुर्गों का आशीर्वाद लेते हैं और अग्नि में डाली जाने वाली चीजों को प्रसाद के रूप में बांटते और ग्रहण करते हैं। सभी लोग ढोल की थाप के साथ गिद्दा और भांगड़ा भी करते हैं। खासकर जिन परिवारों में नई बहू आती है या फिर नवजात का जन्म होता है, उस परिवार में लोहड़ी काफी धूमधाम से मनाई जाती है।
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