हनुमान जी से है चैत्र पूर्णिमा का संबंध, जानें इस दिन की सही तिथि एवं पूजा मुहूर्त के बारे में

हनुमान जी से है चैत्र पूर्णिमा का संबंध

Update: 2022-04-05 16:03 GMT
Chaitra Purnima 2022: चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को चैत्र पूर्णिमा है. चैत्र पूर्णिमा का पवनपुत्र हनुमान जी से एक संबंध है. इस तिथि को ही संकटमोचन हनुमान जी का जन्म हुआ था. इस वजह से हर साल चैत्र पूर्णिमा को हनुमान जयंती या महावीर जयंती मनाई जाती है. चैत्र पूर्णिमा के दिन नदियों में स्नान करने और दान करने की परंपरा है. इस दिन माता लक्ष्मी की पूजा करते हैं और भगवान सत्यनारायण की व्रत कथा का आयोजन किया जाता है. आइए जानते हैं चैत्र पूर्णिमा की सही तिथि एवं पूजा मुहूर्त के बारे में.
चैत्र पूर्णिमा 2022 तिथि
पंचांग के अनुसार, चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ 16 अप्रैल दिन शनिवार को तड़के 02 बजकर 25 मिनट पर हो रहा है. यह तिथि अगले दिन 17 अप्रैल दिन रविवार को 12:24 एएम तक मान्य है. ऐसे में चैत्र पूर्णिमा 16 अप्रैल दिन रविवार को है.
चैत्र पूर्णिमा के दिन रवि योग सुबह 05 बजकर 55 मिनट से लग रहा है, जो सुबह 08 बजकर 40 मिनट तक मान्य है. इस दिन का शुभ समय 11 बजकर 55 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 47 मिनट तक है.
ऐसे में आप सुबह से ही पवित्र नदियों में पूर्णिमा का स्नान कर सकते हैं और दान दे सकते हैं. जो लोग व्रत रखना चाहते हैं, वे भी 16 अप्रैल को पूर्णिमा व्रत रखेंगे.
चैत्र पूर्णिमा का पंचांग
सूर्योदय: सुबह 05:55 बजे
सूर्यास्त: शाम 06:47 बजे
चंद्रोदय: शाम 06:27 बजे
चंद्रास्त: चंद्रास्त नहीं
राहुकाल: सुबह 09:08 बजे से सुबह 10:45 बजे तक
भद्रा: सुबह 05:55 बजे से दोपहर 01:28 बजे तक
हनुमान जी की पूजा
चैत्र पूर्णिमा को हनुमान जयंती है, इसलिए सुबह स्नान और दान के बाद केसरीनंदन पवनपुत्र हनुमान की पूजा करें. उनको लाल लंगोट, सिंदूर, बूंदी के लड्डू, चमेली का फूल या तेल चढ़ाएं. फिर हनुमान चालीसा का पाठ करें. इस दिन आप हनुमान जी के प्रभावी मंत्रों का जाप करके और कुछ ज्योतिष उपाय करके अपने जीवन में धन, दौलत, सुख, समृद्धि सबकुछ प्राप्त कर सकते हैं.
(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं. जनता से रिश्ता इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें)
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