Bhauma Pradosh : हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत को बेहद ही खास माना जाता है जो कि शिव साधना का दिन होता है इस दिन भक्त भगवान भोलेनाथ की विधिवत पूजा करते हैं और दिनभर उपवास भी रखते हैं माना जाता है कि ऐसा करने से शिव शंकर की अपार कृपा बरसती है। पंचांग के अनुसार प्रदोष व्रत हर माह में दो बार पड़ता है। एक शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर तो वही दूसरा कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी के दिन प्रदोष व्रत किया जाता है।
इस दिन पूजा पाठ करना उत्तम माना जाता है अभी ज्येष्ठ माह चल रहा है और इस माह पड़ने वाला भौम प्रदोष व्रत 4 जून दिन मंगलवार को है इस दिन शिव पूजन से पहले सुबह के समय अगर भगवान श्री सूर्यदेव की स्तुति का पाठ किया जाए तो शिव शंकर की असीम कृपा बरसती है और भक्तों की मनोकामनाएं भी पूरी हो जाती हैं, तो आज हम आपके लिए लेकर आए हैं श्री सूर्यदेव की स्तुति।
। श्री सूर्य स्तुति ।।
जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन ।।
त्रिभुवन-तिमिर-निकन्दन, भक्त-हृदय-चन्दन॥
जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।।
सप्त-अश्वरथ राजित, एक चक्रधारी।
दु:खहारी, सुखकारी, मानस-मल-हारी॥
जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।।
सुर-मुनि-भूसुर-वन्दित, विमल विभवशाली।
अघ-दल-दलन दिवाकर, दिव्य किरण माली॥
जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।।
सकल-सुकर्म-प्रसविता, सविता शुभकारी।
विश्व-विलोचन मोचन, भव-बन्धन भारी॥
जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।।
कमल-समूह विकासक, नाशक त्रय तापा।
सेवत साहज हरत अति मनसिज-संतापा॥
जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।।
नेत्र-व्याधि हर सुरवर, भू-पीड़ा-हारी।
वृष्टि विमोचन संतत, परहित व्रतधारी॥
जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।।
सूर्यदेव करुणाकर, अब करुणा कीजै।
हर अज्ञान-मोह सब, तत्त्वज्ञान दीजै॥
जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।।