काशी विश्वनाथ मंदिर में सावन के हर सोमवार दो घंटे होगा बाबा का स्वरूप दर्शन
श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में कुछ ही अवसर होते हैं जब गर्भगृह में ज्योतिर्लिंग के बजाय स्वरूप के दर्शन होते हैं। सावन में पड़ने वाले सोमवार भी उन्हीं अवसरों में एक हैं। यदि आप बाबा के विविध स्वरूपों का दर्शन करना चाहते हैं
श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में कुछ ही अवसर होते हैं जब गर्भगृह में ज्योतिर्लिंग के बजाय स्वरूप के दर्शन होते हैं। सावन में पड़ने वाले सोमवार भी उन्हीं अवसरों में एक हैं। यदि आप बाबा के विविध स्वरूपों का दर्शन करना चाहते हैं तो रात में आएं। प्रत्येक सोमवार को दो घंटे स्वरूप दर्शन के लिए मिलेंगे।
इस वर्ष प्रथम सोमवार, 18 जुलाई को गर्भगृह में काशी विश्वनाथ शिव स्वरूप में दर्शन देंगे। 25 जुलाई, दूसरे सोमवार को शंकर-पार्वती की रजत प्रतिमा के दर्शन होंगे। एक अगस्त को तीसरे सोमवार पर भगवान शिव अर्द्धनारीश्वर स्वरूप में दर्शन देंगे। आठ अगस्त को बाबा का रुद्राक्ष शृंगार होगा। शिव की पंचबदन प्रतिमा दर्शन के लिए रखी जाती है। इस अवसर पर गर्भगृह से मुख्य मंडप तक सभी स्तंभों को भी रुद्राक्ष से सजाया जाता है।
श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में सायंकाल होने वाली सप्तर्षि आरती के बाद शयन आरती तक स्वरूप के दर्शन होते हैं। सावन के सोमवार पर सप्तर्षि आरती साढ़े आठ बजे समाप्त हो जाएगी। फिर रात्रि आठ बजे से 10 बजे शयन आरती आरंभ होने तक इन स्वरूपों के दर्शन होंगे।