खरमास में नहीं किए जाते शुभ काम, सूर्य की धीमी रहती है चाल

जब गृह-दशाएं शुभ काम करने के लिए अनुकूल न हों तो ऐसे समय में किया गया अशुभ फल देता है. खरमास भी ऐसा ही समय है, जिसमें शुभ काम करने की मनाही की गई है.

Update: 2021-11-29 06:30 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। सनातन धर्म में हर काम के लिए शुभ-अशुभ समय बताए गए हैं. हिंदू पंचांग और ज्‍योतिष के जरिए इन समय और मुहूर्तों की गणना की जाती है. शुभ समय में किए गए काम अच्‍छे फल देते हैं, जबकि अशुभ समय या मुहूर्त में किए गए अच्‍छे काम भी बुरा फल देते हैं. इसलिए शुभ कामों को शुभ मुहूर्त में ही करना चाहिए. वहीं अशुभ समय में कुछ सावधानियां बरतना चाहिए. खरमास को भी ऐसा ही समय माना गया है. इसमें शुभ कार्य करने की मनाही की गई है. इस साल 16 दिसंबर 2021 से 14 जनवरी 2022 तक खरमास रहेगा.

क्‍या है खरमास?
जब सूर्य एक के बाद एक राशि बदलते हुए गुरु के स्‍वामित्‍व वाली राशियों धनु और मीन में पहुंचता है तो यह गुरु के तेज को कम कर देता है. चूंकि गुरु विवाह के कारक ग्रह हैं. ऐसे में गुरु का तेज कम होना शादी के लिए अशुभ माना जाता है. सूर्य हर राशि में 1 महीने तक रहता है. लिहाजा 1 महीने तक शुभ काम नहीं होते हैं. इसी समय को खरमास कहते हैं.
...इसलिए नहीं किए जाते शुभ काम
धार्मिक मान्यता के अनुसार, खरमास के दौरान सूर्य की चाल धीमी होती है इसलिए इस दौरान किया गया कोई भी काम शुभ फल नहीं देता है. लिहाजा इस समय शादी-विवाह के अलावा भी कोई शुभ काम जैसे घर खरीदना, गृह प्रवेश, गाड़ी खरीदना, नया काम शुरू करना वर्जित रहते हैं. इसके अलावा घर का निर्माण, मुंडन, यज्ञ, नामकरण, सगाई आदि भी नहीं किए जाते हैं. इस 16 दिसंबर को भी सूर्य के धनु राशि में प्रवेश करते ही खरमास शुरू हो जाएगा.


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