August pradosh vrat: सावन का पहला प्रदोष व्रत, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Update: 2024-08-01 01:45 GMT
August pradosh vrat: सनातन धर्म में सावन माह में पड़ने वाले प्रदोष व्रत को बहुत ही शुभ कहा गया है। प्रदोष व्रत हर माह कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। इस बार सावन का पहला प्रदोष व्रत 1 अगस्त को रखा जाएगा। गुरुवार के दिन पड़ने के कारण इसे गुरु प्रदोष भी कहा जा सकता है। सावन माह में आने वाले सोमवार का ही नहीं, बल्कि अन्य व्रत और तिथियों का भी बहुत महत्व होता है। माना जाता है कि इस दिन शिव जी और माता पार्वती की पूजा करने से पुण्य फलों की प्राप्ति होती है। तो आइए जानते हैं, सावन माह के पहले प्रदोष व्रत के शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में सावन माह का पहला प्रदोष व्रत गुरुवार 1 अगस्त को रखा जाएगा। सावन माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 01 अगस्त को दोपहर 03 बजकर 28 मिनट पर शुरू होगी और इसका समापन 02 अगस्त को दोपहर 03 बजकर 26 मिनट पर होगा।
सावन माह प्रदोष व्रत पूजा विधि
सावन के गुरु प्रदोष के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें और साफ-सुथरे वस्त्र धारण करें।
फिर घर के मंदिर की साफ-सफाई करने के बाद गंगा जल का छिड़काव करें।
इसके बाद शाम के समय एक चौकी पर सफेद कपड़े पर शिव जी और माता पार्वती की मूर्ति स्थापित करें।
अब शिव जी को फल, फूल, अक्षत, धतूरा और बेलपत्र अर्पित करें और माता पार्वती को सिंदूर का तिलक लगाएं।
इसके बाद शिव जी को मिठाई का भोग लगाएं और उनके समक्ष घी का दीपक जलाएं।
फिस शिव जी के मंत्रों और नामों का जाप कर शिव चालीसा का पाठ करें।
अंत में आरती कर भोले बाबा से सुख-समृद्धि की कामना करें।
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