Ashadh Amavasya:आषाढ़ अमावस्या, जानिए तिथि, योग और सुख समृद्धि के लिए यह खास उपाय

Update: 2024-07-05 02:27 GMT
Ashadh Amavasya: हिंदू धर्म में पितरों का बहुत महत्व है. अमावस्या की तिथि पितरों के स्मरण और उनके लिए तर्पण करने का दिन होता है. आषाढ़ अमावस्या Ashadha Aamavasya का विशेष महत्व होता है और इस दिन स्नान, दान और पितरों के लिए किया गया तर्पण बहुत शुभ माना जाता है. माना जाता है कि जिन लोगों पर पितरों को आशीर्वाद रहता है उनके जीवन में सुख समृद्धि बढ़ती है और परेशानियां कम होती है. आइए जानते हैं
आषाढ़ अमावस्या की तिथि Date of Ashadha Aamavasya
हर माह के कृष्ण पक्ष की पंद्रहवी तिथि अमावस्या की तिथि होती है. इस दिन चंद्रदेव नजर नहीं आते हैं. आषाढ़ माह की अमावस्या की तिथि जुलाई माह के 5 तारीख को सुबह 4 बजकर 57 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन सुबह 4 बजकर 26 मिनट तक रहेगी. 6 जुलाई को अमावस्या की तिथि सूर्योदय से पहले ही समाप्त हो रही है इसलिए आषाढ़ अमावस्या 5 जुलाईको मानी जाएगी.
आषाढ़ अमावस्या को योग Yog on Ashadha Aamavasya
इस वर्ष आषाढ़ अमावस्या ध्रुव योग और आर्द्रा नक्षत्र में है. आषाढ़ अमावस्या यानी 5 जुलाई के प्रात:काल से लेकर 6 जुलाई को प्रात: काल 3 बजकर 49 तक धुव्र योग है और 5 जुलाई के प्रात:काल से लेकर 6 जुलाई को 4 बजकर 6 मिनट तक आर्द्रा नक्षत्र है. आषाढ़ अमावस्या को सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है. यह 6 जुलाई को प्रात: काल 4 बजकर 6 मिनट से 5 बजकर 29 मिनट तक सर्वार्थ सिद्धि योग योग है. अमावस्या यह योग 20 मिनट के लए है. सर्वार्थ सिद्धि योग किए गए कार्य सफल होते हैं.
आषाढ़ अमावस्या के विशेष उपाय Upay of Ashadha Aamavasya
आषाढ़ अमावस्या के दिन पवित्र नदियों में स्नान करने और क्षमता के अनुसार अनाज, वस्त्र, फल और बर्तन का दान करना चाहिए. इससे पुण्य प्राप्त होता है और सुख समृद्धि बढ़ती है. इसके साथ ही इस दिन प्रात:काल में स्नान के करने के बाद पितरों का स्मरण करने के बाद कुश से उन्हें जल, काले तिल, सफेद फूल से तर्पण करना चाहिए. तर्पण से तृत्त पितरों के आशीर्वाद धन, दौलत, सुख, समृद्धि में वृद्धि होती है.
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