बुद्धिमान व्‍यक्ति में होते हैं ये खास गुण, आचार्य चाणक्‍य ने किया है जिक्र

चाणक्‍य नीति में बुद्धिमान व्‍यक्ति की कुछ निशानियां बताई गईं हैं. ये वो बातें हैं, जिन्‍हें अपनाने से व्‍यक्ति न केवल मुसीबतों से बचा रहता है, बल्कि जल्‍दी सफलता भी पाता है.

Update: 2021-11-28 10:21 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। जिंदगी तो सभी जीते हैं लेकिन कुछ लोग बेहद सफल और सुखी जीवन बिताते हैं. इसके पीछे केवल उनकी किस्‍मत और कर्म नहीं होते हैं, बल्कि उनकी कुछ आदतें और नियम भी होते हैं. चाणक्‍य नीति में ऐसी बातों का जिक्र किया गया है जो व्‍यक्ति को अच्‍छा जीवन देते हैं. महान विद्वान आचार्य चाणक्‍य की ये बातें बहुत काम की हैं. साथ ही ये आज भी उतनी ही प्रासंगिक हैं, जितनी आचार्य चाणक्‍य के समय में थीं.

इन लोगों के बीच न दें कभी दखल
चाणक्य नीति में समाज से जुड़े आचार-व्‍यवहार के बारे में भी बताया गया है. आचार्य चाणक्‍य ने कुछ ऐसी बातों के बारे में बताया है, जिनका पालन करना बुद्धिमानी की निशानी है. चाणक्‍य नीति में कहा गया है कि जब भी 2 जानकार लोग आपस में बात कर रहे हों, उनके बीच से नहीं निकलना चाहिए. ऐसा करना उनकी ज्ञान भरी बातों में रुकावट डालना है. इसके अलावा जब पति-पत्‍नी कहीं खड़े हों या आपस में बात कर रहे हों तो उनके बीच दखल नहीं देना चाहिए. बुद्धिमान व्‍यक्ति कभी ऐसा काम नहीं करता है.
ये है बुद्धिमानी की निशानी
आचार्य चाणक्‍य कहते हैं कि बुद्धिमान व्‍यक्ति कभी भी अपने कुछ राज किसी को नहीं बताता है. वो हमेशा इन बातों को अपने तक ही रखता है. चाणक्‍य नीति के मुताबिक बुद्धिमान व्‍यक्ति अपनी आर्थिक तंगी के बारे में कभी किसी को नहीं बताता है. ना ही वह अपनी बड़ी योजनाओं को दूसरों को बताता है. बल्कि वह चुपचाप अपने काम में लगा रहता है. समय के साथ उसके काम खुद बोलते हैं. इतना ही नहीं बुद्धिमान व्‍यक्ति कभी भी किसी पर आसानी से भरोसा नहीं करता है, बल्कि वह पहले लोगों को जांच-परखकर देखता है. लोगों पर भरोसा करने के मामले में थोड़ा धैर्य रखना ही बेहतर होता है.


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