इन महामंत्रों के बिना अधूरी है अक्षय तृतीया की पूजा

Update: 2024-05-10 10:25 GMT
ज्योतिष न्यूज़ : हिंदू पंचांग के अनुसार वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर हर साल अक्षय तृतीया का पावन पर्व मनाया जाता है इस बार यह तिथि आज यानी 10 मई दिन शुक्रवार को पड़ी है इस दिन माता लक्ष्मी की विधिवत पूजा की जाती है माना जाता है कि अक्षय तृतीया के दिन लक्ष्मी पूजन करने से धन की प्राप्ति होती है इसके अलावा अक्षय तृतीया को अबूझ मुहूर्त के तौर पर जाना जाता है इस दिन बिना मुहूर्त देखें किसी भी शुभ व मांगलिक कार्य को किया जा सकता है ऐसा करने से कार्यों में बाधाओं का सामना नहीं करना पड़ता है।
 अक्षय तृतीया के दिन सोने की खरीद करना भी अच्छा होता है इस दिन अगर सोना खरीदकर घर लाया जाए तो वर्षभर लाभ मिलता है इसके साथ ही अक्षय तृतीया के दिन लक्ष्मी और भगवान विष्णु की विधिवत पूजा करनी चाहिए इस दिन धन के देवता कुबेर की भी पूजा करना लाभकारी होता है ऐसे में अगर आप धन लाभ का आशीर्वाद पाना चाहते हैं तो लक्ष्मी पूजन के समय माता के चमत्कारी मंत्रों का जाप जरूर करें ऐसा करने से आर्थिक स्थिति में सुधार होने लगता है तो आज हम आपके लिए लेकर आए हैं मां लक्ष्मी के चमत्कारी मंत्र और आरती।
अक्षय तृतीया पर करें इन मंत्रों का जाप—
सुख-सौभाग्य के लिए
1. श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं कमलवासिन्यै स्वाहा
ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्री सिद्ध लक्ष्म्यै नम:
धन और वैभव के लिए
2. या रक्ताम्बुजवासिनी विलासिनी चण्डांशु तेजस्विनी।
या रक्ता रुधिराम्बरा हरिसखी या श्री मनोल्हादिनी॥
या रत्नाकरमन्थनात्प्रगटिता विष्णोस्वया गेहिनी।
सा मां पातु मनोरमा भगवती लक्ष्मीश्च पद्मावती ॥
धन प्राप्ति के लिए
3. ऊँ श्रींह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ऊँ महालक्ष्मी नम:।
॥माता लक्ष्मी की आरती॥
महालक्ष्मी नमस्तुभ्यं,
नमस्तुभ्यं सुरेश्वरि ।
हरि प्रिये नमस्तुभ्यं,
नमस्तुभ्यं दयानिधे ॥
पद्मालये नमस्तुभ्यं,
नमस्तुभ्यं च सर्वदे ।
सर्वभूत हितार्थाय,
वसु सृष्टिं सदा कुरुं ॥
ॐ जय लक्ष्मी माता,
मैया जय लक्ष्मी माता ।
तुमको निसदिन सेवत,
हर विष्णु विधाता ॥
उमा, रमा, ब्रम्हाणी,
तुम ही जग माता ।
सूर्य चद्रंमा ध्यावत,
नारद ऋषि गाता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥
दुर्गा रुप निरंजनि,
सुख-संपत्ति दाता ।
जो कोई तुमको ध्याता,
ऋद्धि-सिद्धि धन पाता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥
तुम ही पाताल निवासनी,
तुम ही शुभदाता ।
कर्म-प्रभाव-प्रकाशनी,
भव निधि की त्राता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥
जिस घर तुम रहती हो,
ताँहि में हैं सद्‍गुण आता ।
सब सभंव हो जाता,
मन नहीं घबराता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥
तुम बिन यज्ञ ना होता,
वस्त्र न कोई पाता ।
खान पान का वैभव,
सब तुमसे आता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥

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