ज्योतिष न्यूज़ : हिंदू धर्म में कई सारे व्रत त्योहार पड़ते हैं और सभी का अपना महत्व भी होता है लेकिन भगवान श्री गणेश को समर्पित एकदंत चतुर्थी का पर्व बेहद ही खास माना जाता है । इस दिन भक्त भगवान श्री गणेश की विधिवत पूजा करते हैं और दिनभर का उपवास भी रखते हैं
पंचांग के अनुसार पूर्णिमा के बाद आने वाली कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहते हैं जो भक्त इस दिन गणेश जी की विधिवत पूजा आराधना और व्रत करता है उसके जीवन के संकट टल जाते हैं इस दिन महिलाएं अपनी संतान की लंबी आयु और अच्छे भविष्य के लिए निर्जला व्रत रखकर श्री गणेश की आराधना करती है तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा एकदंत चतुर्थी की सही तारीख और मुहूर्त की जानकारी प्रदान कर रहे हैं तो आइए जानते हैं।
ज्येष्ठ एकदंत संकष्टी चतुर्थी की तारीख और मुहूर्त—
ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष में आने वाली एकदंत संकष्टी चतुर्थी 26 मई दिन रविवार को पड़ रही है जीवन में आने वाली सभी बाधाओं और कष्टों को दूर करने के लिए आप इस दिन उपवास जरूर करें और भगवान गणेश की भक्ति आराधना में लीन रहें। इसके अलावा संध्याकाल श्री गणेश जी की पूजा के बाद आप चंद्रमा की पूजा उपासना भी जरूर करें।
हिंदू पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 25 मई को शाम 6 बजकर 58 मिनट से आरंभ हो रही है और 26 मई को शाम 6 बजकर 6 मिनट पर समाप्त हो जाएगी। इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 7 बजकर मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 18 मिनट तक रहेगा। इसके अलावा शाम की पूजा का समय 7 बजकर 12 मिनट से रात 9 बजकर 45 मिनट तक रहेगा।