हिन्दू पंचांग के मुताबिक द्वापर युग महाभारत काल में हुआ था दुर्योग काल का निर्माण

Update: 2024-05-20 12:10 GMT
रायसेन। हिन्दू पंचांग के मुताबिक द्वापर युग महाभारत काल में हुआ था दुर्योग काल का निर्माण। हानिकारक हो सकता है दुर्योग काल....
धर्मशास्त्री पंडित ओमप्रकाश शुक्ला पंडित राम मोहन चतुर्वेदी ने बताया कि ज्योतिष शास्त्र के अनुसार द्वितीया तिथि से लेकर चतुर्दशी तिथि के बीच अगर दो तिथि का क्षय हो तो यह संपूर्ण विश्व के लिए हानिकारक हो सकता है। इस पक्ष को मांगलिक कार्य के लिये अच्छा नहीं माना गया है।यह ज्योतिष शास्त्र में दुर्योग काल होने से गृह क्लेश, प्राकृतिक प्रकोप, धनहानि और राजसत्ता परिवर्तन होने की संभावना निर्मित होती है। सैंकड़ों वर्षों बाद 2024 का आने वाला आषाढ़ मास का कृष्ण पक्ष देश और दुनिया के लिए संकट का कारण बनने वाला है। 23 जून से 21 जुलाई तक आषाढ़ मास के दौरान कृष्ण पक्ष में द्वितीया तिथि और चतुर्थी तिथि के क्षय होने से यह पक्ष 13 दिनों की होगी और यह काल दुर्योग काल के रूप में होगा।
द्वापर में हुई थी जनहानि.... ज्योतिषाचार्य पंडित राजेश व्यास देवनगर ने बताया कि द्वापर युग के महाभारत काल में युद्ध के दौरान 13 दिन के पक्ष में यह दुर्योग काल निर्मित हुआ था। उस काल में भारी जनहानि और प्राकृतिक आपदा की घटनाएं घटी थी। कौरव पांडवों के बीच भीषण युद्ध के दौरान अपार जनहानि हुई थी। इस काल में भी प्राकृतिक प्रकोप बढ़ने की आशंका व्यक्त किया जा रहा है। ज्योतिष ने बताया कि हिन्दू पंचांग के अनुसार संवत 2081 में आषाढ़ मास 23 जून से 21 जुलाई तक रहेगा। इस दौरान कृष्ण पक्ष में द्वितीया और चतुर्थी तिथि का क्षय होगा। यही वजह है कि 23 जून से 5 जुलाई तक आषाढ़ की कृष्ण पक्ष समाप्त हो जायेगा। इस तरह कृष्ण पक्ष 15 दिनों के बजाय 13 दिनों का होगा।
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