मृत्यु के बाद मृतक के परिजनों को ध्यान रखनी चाहिए ये बातें, जानिए गरुड़ पुराण के नियम
मृत्यु और उसके बाद आत्मा की यात्रा के अलावा गरुड़ पुराण में मृत्यु के बाद के कुछ संस्कारों और नियमों के बारे में भी बताया गया है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। मृत्यु (Death) और उसके बाद आत्मा (Soul) की यात्रा के अलावा गरुड़ पुराण (Garuda Purana) में मृत्यु के बाद के कुछ संस्कारों और नियमों (Rules) के बारे में भी बताया गया है. इसमें मृत देह से लेकर मृत व्यक्ति की आत्मा की शांति के लिए किए जाने वाले संस्कार भी शामिल हैं. इन सभी संस्कारों को करने की वजहें भी बताईं गईं हैं. परिवार में किसी व्यक्ति की मृत्यु होने के बाद इन नियमों का पालन जरूर करना चाहिए.
बेहद जरूरी हैं ये नियम
- किसी भी परिजन की मृत्यु के बाद उसका अंतिम संस्कार करने से पहले उसे स्नान कराएं. साथ ही साफ कपड़े पहनाकर उसके शरीर पर चंदन, घी और तिल के तेल का लेप करें.
- शव को अग्नि देने से पहले मृतक का बेटा या करीबी छेद किए हुए मटके में पानी भरकर शव की परिक्रमा करता है. इसके बाद आखिर में यह मटका जरूर फोड़ना चाहिए. ऐसा मृतक के साथ अपना मोह खत्म करने के लिए किया जाता है. ताकि आत्मा अपने परिवार से मोह खत्म करके अपना अगला सफर शुरू कर सके.
- याद रखें कि अंतिम संस्कार करने के बाद परिजन मुड़कर पीछे न देखें, ताकि आत्मा को भी लगे कि उसके परिजनों का भी उससे मोह खत्म हो चुका है.
- शव का दाह संस्कार करके घर पहुंचने पर मिर्च या नीम को दांतों से चबाकर तोड़ना चाहिए. इसके बाद लोहा, जल, अग्नि और पत्थर का स्पर्श करना चाहिए.
- गरुड़ पुराण में मृत्यु से पहले के कुछ कामों के बारे में भी बताया है जो हर व्यक्ति को जीवित रहते हुए कर लेना चाहिए ताकि मरने के बाद आत्मा को कष्ट न उठाना पड़े. इसके लिए उसे तिल, लोहा, सोना, रूई, नमक, 7 अनाज, जमीन, गौ, जलपात्र और चप्पलें दान कर देनी चाहिए.