भड़ली नवमी पर बन रहा बेहद खास संयोग, जानें क्या ?
चातुर्मास और सावन महीना शुरू होने से पहले एक और बहुत अहम दिन भड़ली नवमी मनाई जाती है
चातुर्मास और सावन महीना शुरू होने से पहले एक और बहुत अहम दिन भड़ली नवमी मनाई जाती है. भड़ली नवमी तिथि को हिंदू धर्म में बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है क्योंकि अक्षय तृतीया की तरह भड़ली नवमी भी शादी-विवाह, नए काम करने के लिए अबूझ मुहूर्त होता है. ऐसे लोग जिनकी शादी के लिए मुहूर्त न निकल रहा हो, वो भड़ली नवमी के दिन शादी कर सकते हैं. इस दिन बिना मुहूर्त के भी शादी की जा सकती है और कोई भी नया काम शुरू कर सकते हैं. भड़ली नवमी आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को मनाई जाती है, इस बार यह 8 जुलाई 2022 को है.
2 दिन बाद से बंद हो जाएंगे विवाह
चातुर्मास शुरू होने से पहले शादियों के लिए भड़ली नवमी ही आखिरी मुहूर्त होता है. इसके 2 दिन बाद देवशयनी एकादशी होती है और इस दिन से भगवान विष्णु 4 महीने के लिए योगनिद्रा में चले जाते हैं. इस समय को चातुर्मास कहते हैं और इस दौरान विवाह नहीं होते, ना ही कोई नया काम शुरू किया जाता है. मुंडन, जनेऊ संस्कार, गृह प्रवेश जैसे काम भी 4 महीनों के लिए बंद हो जाते हैं. लिहाजा इन सभी कामों के लिए भड़ली नवमी ही चातुर्मास शुरू होने से पहले का आखिरी मुहूर्त होता है. इसी के चलते भड़ली नवमी को हिंदू धर्म और ज्योतिष में बहुत महत्व दिया गया है.
भड़ली नवमी पर बन रहे खास योग
इस साल भड़ली नवमी तिथि 7 जुलाई, गुरुवार की शाम 07:28 बजे से शुरू होगी और 8 जुलाई, शुक्रवार की शाम 06:25 बजे समाप्त होगी. उदया तिथि 8 जुलाई को होने से भड़ली नवमी 8 जुलाई, शुक्रवार को मनाई जाएगी और शादी समेत सभी शुभ कामों के लिए शाम साढ़े 6 बजे तक ही शुभ मुहूर्त रहेगा. इसके बाद से अगले 4 महीनों के लिए ऐसे शुभ कामों पर रोक लग जाएगी.
इस साल भड़ली नवमी पर शिव, सिद्ध और रवि योग बन रहे हैं. ये योग बेहद शुभ माने गए हैं और इन योग में किए गए काम, विवाह आदि बेहद शुभ फल देते हैं. घर-गाड़ी खरीदने के लिए भी इन योगों को बहुत अच्छा माना गया है.