एक ही समय पर कोरोना के दो अलग-अलग वैरिएंट से संक्रमित हुई महिला, 5 दिनों के अंदर मौत
बेल्जियम की एक 90 वर्षीय महिला कोरोना वायरस के दो अलग-अलग वेरिएंट से संक्रमित हो गई. इस महिला में अल्फा और बीटा दोनों वेरिएंट पाए गए थे. अस्पताल में भर्ती होने के पांच दिन बाद उनकी मौत हो गई थी. बीटा वेरिएंट की सबसे पहले पहचान ब्रिटेन और दक्षिण अफ्रीका में की गई थी.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। बेल्जियम की एक 90 वर्षीय महिला कोरोना वायरस के दो अलग-अलग वेरिएंट से संक्रमित हो गई. इस महिला में अल्फा और बीटा दोनों वेरिएंट पाए गए थे. अस्पताल में भर्ती होने के पांच दिन बाद उनकी मौत हो गई थी. बीटा वेरिएंट की सबसे पहले पहचान ब्रिटेन और दक्षिण अफ्रीका में की गई थी.
इंडियन एक्सप्रेस ने न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के हवाले से बताया कि क्लिनिकल माइक्रोबायोलॉजी और संक्रामक रोगों पर वार्षिक यूरोपीय कांग्रेस में इस अनूठे मामले पर चर्चा की गई थी.
'यह आश्चर्य की बात नहीं'
इस मामले पर इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में विशेषज्ञों ने कहा कि डबल वेरिएंट इन्फ़ेक्शन के मामले, जिनमें कोई व्यक्ति एक ही समय में वायरस के दो वेरिएंट से संक्रमित पाया गया, दुर्लभ हो सकता है, लेकिन यह बिल्कुल भी आश्चर्यजनक नहीं है. कम समय में कई व्यक्तियों से संक्रमण न तो असंभव है और न ही अनसुना.
दिल्ली स्थित इंटरनेशनल सेंटर फॉर जेनेटिक इंजीनियरिंग एंड बायोटेक्नोलॉजी के पूर्व निदेशक वी. एस चौहान ने इसपर कहा, 'यदि कोई व्यक्ति एक से अधिक संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आता है, तो वह उनमें से किसी एक या सभी से संक्रमण प्राप्त कर सकता है. ऐसा कुछ भी नहीं है जो इस तरह की घटना को रोकता है.'
HIV रोगियों में डबल वेरिएंट इन्फ़ेक्शन के मामले आम
वी. एस चौहान ने आगे कहा, 'वायरस को शरीर के अंदर फैलने और सभी कोशिकाओं को प्रभावित करने में कुछ समय लगता है. ऐसा होने तक, कुछ कोशिकाएं दूसरे सोर्स से अन्य वायरस के लिए उपलब्ध हो सकती हैं. वायरस के खिलाफ प्रतिरक्षा बनने में कुछ दिन और कुछ समय लगता है. उस अवधि के दौरान एक से अधिक व्यक्तियों से संक्रमित होना पूरी तरह से संभव है.' उन्होंने कहा कि एचआईवी रोगियों में दोहरे संक्रमण के ऐसे मामले बहुत आम हैं.
'डबल वेरिएंट इन्फ़ेक्शन की संभावना कम'
अशोका विश्वविद्यालय में त्रिवेदी स्कूल ऑफ बायोसाइंसेज के निदेशक शाहिद जमील ने कहा कि डबल वेरिएंट इन्फ़ेक्शन की संभावना कम रहती है. क्योंकि लोगों के बीच की हर गतिविधि से संक्रमण नहीं फैलता है. एक संक्रमित व्यक्ति हर उस व्यक्ति को संक्रमित नहीं करता जिसके संपर्क में वह आता है. इसलिए, जब एक व्यक्ति कम समय के दौरान एक से अधिक संक्रमित व्यक्तियों से मिलता है, और उन सभी से वायरस प्राप्त करने की संभावना कम रहती है.
शाहिद जमील ने कहा कि साथ ही, अधिकांश समय यह स्पष्ट नहीं हो पाता कि किसी व्यक्ति को एक व्यक्ति से संक्रमण हुआ है या एक से अधिक व्यक्ति से.
गहन अध्ययन से ही सामने आएगी सच्चाई
शाहिद जमील ने कहा, 'बेल्जियम की महिला का मामला इस तरह का पहला केस है, जिसका पता चला. लेकिन मुझे यकीन है कि दुनिया भर में इस तरह की और भी कई घटनाएं हुई होंगी और अब भी हो रही हैं. जब तक आप संक्रमित व्यक्ति से वायरस के नमूने का जीनोम विश्लेषण नहीं करेंगे तब तक सच्चाई कोई नहीं जान सकता.'
उन्होंने कहा, 'बेल्जियम के मामले में महिला को दो अलग-अलग रूपों से संक्रमण था. जब तक शोधकर्ता ऐसे सक्रिय मामलों पर जांच ना करें तब तक इसे स्पष्ट करना आसान नहीं होगा. वैसे एक ही समय में एक व्यक्ति के कई रूपों से संक्रमित होने की संभावना बहुत कम है.