Mandi. मंडी। मंडी से रतीपुल तक सडक़ का कार्य कर रही एक निजी कंस्ट्रक्शन कंपनी द्वारा एनजीटी के नियमों की सरेआम धज्जियां उड़ाई जा रही है। कंपनी द्वारा सौली खड्ड में खड्ड से सडक़ तक डंगे देने का काम किया जा रहा है। लेकिन मिट्टी को इसी खड्ड में फेंका जा रहा है। कंपनी द्वारा खड्ड को मिट्टी से भर दिया गया है। जिस कारण पानी का भी बहाव रूक गया है। बरसात के मौसम में यह खड्ड रौद्र रूप धारण करती है। पिछले दिनों हुई थोड़ी सी बारिश में ही इस खड्ड का जल स्तर बढ़ गया, जिसके बाद कंपनी द्वारा पानी की निकासी के लिए थोड़ी जगह बनाई गई। लेकिन मिट्टी को नहीं उठाया गया। यदि इसी प्रकार कंपनी मनमाने ढंग से कार्य करती रही तो यह लापरवाही किसी बड़ी आपदा को न्योता दे सकती है। इस खड्ड के समीप कई घर और मंदिर भी है। यदि यह खड्ड रौद्र रूप धारण करती है, तो इन घरों को भी नुकसान पंहुचेगा। वहीं पानी के साथ आई मिट्टी और नुकसान पंहुचाएगी।
कंपनी द्वारा सरेआम एनजीटी राष्ट्रीय प्राधिकरण के नियमों की अवहेलना की जा रही है। एनजीटी के नियमों के अनुसार नदी नालों में मलबा फेंकने पर पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड, वन विभाग या पुलिस प्रशासन कार्रवाई कर सकता है। वहीं एक लाख रूपए तक के जुर्माने का भी प्रावधान हैं, लेकिन यह कंपनियां बेखौफ होकर नियमों की धज्जियां उड़ा रही हैं। वहीं विभाग भी आंखे मूंदे बैठे हैं। बता दें कि मंडी से रिवाल्सर तक सडक़ को चौड़ा करने का कार्य किया जा रहा है। इस कार्य में दो कंस्ट्रक्शन कंपनियां लगी है। मंडी रतीपुल और रतीपुल से रिवालसर तक दो अलग अलग कंपनियों द्वारा कार्य किया जा रहा है। नगर निगम मंडी के वार्ड तल्याहड़ की पार्षद सुदेश कुमारी ने भी कंपनी पर बेतरतीब ढंग से कार्य करने के आरोप लगाए हैं। पार्षद का कहना है कि लोगों की शिकायतें उनके पास आई हैं। कंपनी द्वारा तल्याहड़ वार्ड में सडक़ की ढलान लोगों के घरों की ओर की गई है, जिससे पानी उनके घरों तक आ रहा है। वहीं इसी सडक़ पर वार्ड में पुल का कार्य भी कंपनी द्वारा किया जा रहा है। कंपनी द्वारा पुल के कलवर्ट घरों की ओर कर दिए गए हैं, जो लोगों के लिए समस्या का सबब बन गए हैं। वहीं उनका कहना है कि कंपनी को इस बारे अवगत करवाया गया फिर भी कंपनी ने कोई हल नहीं निकाला।