उप राष्ट्रपति चुनाव: मार्गरेट अल्वा का बड़ा बयान आया

Update: 2022-07-22 10:35 GMT

न्यूज़ क्रेडिट: आजतक

नई दिल्ली: उप राष्ट्रपति चुनाव में तृणमूल कांग्रेस के वोटिंग से दूर रहने के फैसले को मार्गरेट आल्वा ने निराशाजनक बताया है. उन्होंने कहा कि यह समय अहंकार या क्रोध का नहीं है. यह साहस, नेतृत्व और एकता का समय है. आल्वा ने कहा कि मेरा मानना ​​है कि ममता विपक्ष के साथ खड़ी रहेंगी.

बता दें कि उपराष्ट्रपति चुनाव में TMC मतदान से दूर रहेगी. इसका फैसला गुरुवार को लिया गया था. ममता बनर्जी से बिना बातचीत किए उपराष्ट्रपति उम्मीदवार की घोषणा क्यों की गई? टीएमसी इस बात से नाराज है और पार्टी ने अपना विरोध दर्ज कराया है. पार्टी में सर्वसम्मति से यह फैसला लिया गया है. 85 फीसदी सांसदों ने इसका समर्थन किया है.
टीएमसी का कहना है कि विपक्ष ने टीएमसी से सलाह किए बिना आल्वा को मैदान में उतारा है. उम्मीदवार पर टीएमसी से सलाह किए बिना फैसला किया गया है. यह एक लोकतांत्रिक पार्टी है. पार्टी का कहना है कि हमसे सलाह न करने के TMC किसी विशेष पार्टी का नाम नहीं लेगी. पार्टी अध्यक्ष ने सांसदों को निर्णय लेने के लिए प्रेरित किया. TMC का कहना है कि वह अभी बड़ी बहस नहीं करना चाहती है. TMC की ओर से कहा गया कि लोकतंत्र में यह विपक्ष के लिए ठीक नहीं है कि उपराष्ट्रपति पद के लिए आल्वा को विपक्षी उम्मीदवार के रूप में लेने का फैसला कैसे किया गया?
बता दें कि उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्ष की ओर से मार्गरेट आल्वा को उम्मीदवार बनाया गया है. हाल ही में एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने मार्गरेट आल्वा के नाम का ऐलान किया था. मार्गरेट आल्वा कर्नाटक की रहने वाली हैं. वह राजस्थान, गोवा, उत्तराखंड और गुजरात की राज्यपाल रह चुकी हैं.
उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने वाले उम्मीदवार अपना नामांकन पत्र 22 जुलाई तक वापस ले सकेंगे. उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए 6 अगस्त को वोटिंग होगी. मतदान की प्रक्रिया पूरी होने के बाद उसी दिन वोटों की गिनती भी हो जाएगी और चुनाव के नतीजे भी आ जाएंगे. गौरतलब है कि देश के वर्तमान उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू का कार्यकाल 10 अगस्त को खत्म हो रहा है. वेंकैया नायडू का कार्यकाल पूरा होने से चार दिन पहले ही ये साफ हो जाएगा कि देश का अगला उपराष्ट्रपति कौन होगा.
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