1990 को मीरवाइज मोहम्मद फारूक की हत्या, वारदात में शामिल हिजबुल के 2 आतंकी गिरफ्तार

एक बड़ी सफलता हासिल की है।

Update: 2023-05-16 12:24 GMT

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श्रीनगर (आईएएनएस)| जम्मू-कश्मीर पुलिस की राज्य जांच एजेंसी (एसआईए) ने मंगलवार को एक बड़ी सफलता हासिल की है। एजेंसी ने 21 मई 1990 को मीरवाइज मोहम्मद फारूक की हत्या में कथित रूप से शामिल हिज्बुल मुजाहिदीन के दो आतंकवादियों को गिरफ्तार किया है। सीआईडी के विशेष पुलिस महानिदेशक आरआर स्वैन ने श्रीनगर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि एसआईए द्वारा गिरफ्तार आतंकियों की पहचान जावेद भट और जहूर अहमद भट रूप में हुई है। इनमें से एक आतंकी ने दिवंगत मीरवाइज के बेडरूम में प्रवेश करके उन पर फायरिंग की थी।
उन्होंने कहा कि मीरवाइज की हत्या के संबंध में 21 मई 1990 को निगीन थाने में प्राथमिकी 61/1990 के तहत मामला दर्ज किया गया था। इसके बाद इस मामले को सीबीआई को ट्रांसफर कर दिया गया था।
अधिकारी ने आगे कहा कि सीबीआई ने टाडा अदालत के समक्ष एक आरोपी को गिरफ्तार करने के बाद उसके खिलाफ आरोप पत्र पेश किया था, जिसके बाद अदालत ने उसे उम्रकैद की सजा सुनाई थी।
उन्होंने कहा कि मामले की जांच से पता चला है कि हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर अब्दुल्ला बांगरू ने मीरवाइज को मारने की साजिश रची थी।
बंगरू और उसके सहयोगी, एक अन्य हिजबुल कमांडर मुठभेड़ में मारे गए, जबकि एक आरोपी आजीवन कारावास की सजा काट रहा है। दो और आरोपी जावेद भट तथा जहूर अहमद भट श्रीनगर के निवासी हैं। दोनों को एसआईए ने गिरफ्तार किया था।
वे गिरफ्तारी से बचने के लिए इन वर्षों में पाकिस्तान और नेपाल में छिपे हुए थे। दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया है और घोषित अपराधियों के रूप में सीबीआई को सौंप दिया गया है।
विशेष डीजी ने कहा कि गिरफ्तार किए गए दो हिजबुल के आतंकियों में से एक जहूर अहमद भट था, जिसने मीरवाइज के बेडरूम में घुसकर उनपर फायरिंग की थी। हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि दोनों को कहां से गिरफ्तार किया गया है।
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