त्रिपुरा चुनाव: कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने 9.36 करोड़ रुपये जब्त किए, माकपा ने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की

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Update: 2022-12-24 13:15 GMT

अगरतला: त्रिपुरा में अगले साल विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। चुनावी राज्य में कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा एक महीने में 9.36 करोड़ रुपये से अधिक जब्त किए जाने के बाद मुख्य विपक्षी दल माकपा ने शनिवार को पैसे के अवैध लेन-देन में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। त्रिपुरा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) गिट्टे किरणकुमार दिनकरराव ने कहा कि 24 नवंबर से 23 दिसंबर के बीच विभिन्न कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने त्रिपुरा में 9,36,50,449 रुपये जब्त किए हैं, जबकि 2018 के विधानसभा चुनाव के दौरान कुल जब्ती राशि 2,57,19,000 रुपये थी। सीईओ ने कहा है कि कानून प्रवर्तन एजेंसियों का अभियान चुनाव तक जारी रहेगा।

उन्होंने आगे कहा कि चुनाव आयोग ने सभी चुनावी राज्यों के सीईओ को चुनाव व्यय निगरानी (ईईएम) की नोडल एजेंसियों को एक्टिव करने का आदेश दिया है। रिपोर्ट के अनुसार, ईईएम एजेंसियों में आयकर, त्रिपुरा उत्पाद शुल्क, केंद्रीय जीएसटी, राज्य जीएसटी, त्रिपुरा पुलिस, बीएसएफ, नारकोटिक्स कंट्रोल, प्रवर्तन निदेशालय शामिल हैं।
सीईओ ने एक बयान में कहा कि धन और बाहुबल के खतरे पर अंकुश लगाते हुए, चुनाव आयोग यह भी सुनिश्चित करता है कि आम जनता को किसी भी असुविधा का सामना न करना पड़े।
वहीं कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा जब्त 9,36,50,449 रुपये के सोर्स की मांग करते हुए माकपा त्रिपुरा के राज्य सचिव जितेंद्र चौधरी ने सीईओ को लिखे पत्र में कहा कि यह स्पष्ट होना चाहिए कि जब्त किया गया धन काला धन है या हिसाब नहीं देने योग्य धन है।
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