Sericulture से तीन हजार परिवार कर रहे आर्थिकी को सुदृढ़

Update: 2024-06-26 10:49 GMT
Bilaspur. बिलासपुर. अब रेशमपालकों द्वारा तैयार कोकून खुली बोली (ओपन ऑक्शन) के जरिए बिकेगा। इस बार से रेशमपालन विभाग ने नई व्यवस्था शुरू कर दी है जिसके तहत जिला बिलासपुर के किसानों को कोकून के 1425 रूपए प्रति किलोग्राम की दर से रेट मिल रहा है। यह कोकून का सबसे हाई सेलिंग प्राईस है। पिछले पांच दिन की एवरेज निकालें तो मंडियों में प्रति किसान ग्यारह सौ रूपए प्रति किलोग्राम कोकून की बिक्री दर्ज की गई है। रेशमपालन विभाग हिमाचल प्रदेश के डिप्टी डायरेक्टर बलदेव चौहान ने बताया कि प्रदेश सरकार ने राज्य के रेशमकीट पालकों को उचित दाम प्रदान करने के लिए ओपन ऑक्शन द्वारा कोआ विपणन की सुविधा प्रदान की है। कोकून को कोआ भी कहा जाता है। उन्होंने बताया कि ओपन ऑक्शन द्वारा कोआ विपणन किस किस प्रकार की जाए व किन-किन साधनों की आवश्यकता होती है, इसके लिए वह जम्मू एंड कश्मीर विजिट कर चुके हैं। चूंकि जेएंडके रेशमकीट पालन में ट्रेडिशनल श्रेणी के राज्य में आता है। वहां पर ओपन ऑक्शन के द्वारा
कोआ विपणन किया जाता है।
चौहान ने बताया कि देश के अन्य राज्यों में भी ओपन ऑक्शन द्वारा ही कोआ विपणन किया जाता है। वर्तमान में प्रदेश के रेशम कीट पालकों के लिए जिलास्तर पर एक या दो स्थान में ओपन ऑक्शन द्वारा कोआ विपणन की सुविधा प्रदान की जा रही है। बलदेव चौहान के अनुसार जिला बिलासपुर में भी लगभग 3000 परिवारों के लिए घुमारवीं में ओपन ऑक्शन द्वारा कोआ विपणन की सुविधा प्रदान की जा रही है। उन्होंने बताया कि विपणन प्रक्रिया चल रही है। जिला में 21 जून से 27 जून तक यह सुविधा उपलब्ध रहेगी। उन्होंने बताया कि किसानों को कोआ का सही दाम प्रदान किया जा रहा है। पिछले पांच दिन की बात करें तो मंडियों में प्रति किसान 1100 रूपए प्रति किलोग्राम एवरेज रहा है। किसानों को कोकून का सबसे उच्च रेट मिल रहा है। उन्होंने आगे बताया कि चूंकि जिला में प्रथम बार यह प्रयास किया जा रहा है, जिसमें किसानों को ट्रांस्पोटेशन की असुविधा महसूस हुई, लेकिन उचित मूल्य के उपरांत किसान वर्तमान सरकार के इस प्रयास की सराहना भी कर रहे हैं। किसानों को कोकून के बेहतर दाम मिल रहे हैं। चौहान ने बताया कि रेशम कीट पालकों को मार्केटिंग कमेटी घुमारवीं में जल एवं खाने की उचित व्यवस्था की गई है। कीट पालक का कोआ विपणन कार्ड भरकर, कोआ ग्रेडिंग कमेटी द्वारा सभी किसानों के कोआ का वैज्ञानिक तरीके से ग्रेड कर कार्ड में अंकित किया जा रहा है।
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