गर्भवती पत्नी को मारकर रास्ते से हटाया, तलाकशुदा पति, दो बेटों और ननदोई अब जिंदगी भर पछताएंगे

जुर्माना न जमा करने पर छह महीने की अतिरिक्त सजा काटनी होगी।

Update: 2024-06-29 02:38 GMT

सांकेतिक तस्वीर

कानपुर: पांच साल पहले मकान के लिए गर्भवती पत्नी की हत्या करने वाले तलाकशुदा पति, दो बेटों और ननदोई को शुक्रवार को उम्रकैद की सजा सुनाई गई। जिला जज प्रदीप कुमार सिंह की कोर्ट ने चारों को दोषी मानते हुए 30 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया। जुर्माना न जमा करने पर छह महीने की अतिरिक्त सजा काटनी होगी।
डीजीसी क्रिमिनल दिलीप अवस्थी और सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता ओंकारनाथ वर्मा ने बताया कि मुकदमे के वादी तारिक शादाब की बहन शेहला परवीन का निकाह मोहम्मद शाकिर के साथ हुआ था। दोनों के दो बेटे शाकिब और अर्सलान उर्फ कल्लू हैं। मनमुटाव की वजह से शेहला पति शाकिर और बेटों से अलग मां के डिप्टी पड़ाव स्थित मकान में अकेली रहती थी। पति और दोनों बेटों की निगाह उसके मकान पर थी। मकान को अपने नाम कराने के लिए आए दिन शाकिर शेहला को मारता-पीटता था। इसमें शेहला का ननदोई गुड्डू हलवाई उर्फ परवेज उसकी मदद करता था। परेशान होकर शेहला ने शाकिर से तलाक ले लिया। इसी खुन्नस में शाकिर और उसके बेटों ने शेहला को रास्ते से हटाने की योजना बनाई।
चारों ने मिलकर घर को बंद कर शेहला की ईंट से कुचलकर हत्या कर दी। पड़ोसी किराएदार पप्पू ने 11 जून 2019 को मामले की जानकारी शेहला के परिजनों को दी। तारिक के मुताबिक, जब मां नफीसा के साथ वह बहन को देखने के लिए गया तो रास्ते में बहनोई शाकिर, उनके दोनों बेटे और ननदोई मिले और बोले-शेहला का काम तमाम कर दिया है। तारिक शादाब की तहरीर पर पुलिस ने पति मो. शाकिर, बेटों शाकिब और अर्सलान के साथ ही ननदोई गुड्डू हलवाई उर्फ परवेज के खिलाफ अनवरगंज थाने में मुकदमा दर्ज किया था। कोर्ट में तारिक शादाब, मां नफीसा बेगम समेत आठ गवाह पेश हुए। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में शेहला के पेट में तीन महीने का गर्भ होने की पुष्टि हुई थी।
कोर्ट के समक्ष सजा के बिन्दु पर बहस करते हुए अभियोजन ने कहा कि महिला की हत्या उसके पति और पुत्रों ने की है। इसलिए सभी को मृत्युदंड दिया जाए। वहीं, बचाव पक्ष के मुताबिक घटना का कोई चश्मदीद नहीं है। इसलिए कम से कम सजा दी जाए।
घटना को होते हुए किसी ने नहीं देखा था। पड़ोसी किराएदार पप्पू को बतौर स्वतंत्र गवाह के रूप में पेश किया गया। पप्पू ने चीख-पुकार और सभी अभियुक्तों को देखकर सूचना दी थी। चारों को भागते वक्त भाई व मां ने देखा था। मौके पर फॉरेंसिक टीम ने खून से सनी ईंट और कई सबूत जुटाए। जांच रिपोर्ट से अभियुक्तों को सजा दिलाने में मदद मिली।
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