नेट जीरो के लक्ष्य पर तेजी से होगा अमल, वायु प्रदूषण को कम करने के लिए सरकार ने जारी रखा है अभियान

जलवायु परिवर्तन की चुनौतियां दिनों-दिन जिस तरह से सामने आ रही है, उसे देखते हुए सरकार ने भी अब इससे निपटने की मुहिम को और तेज करने के संकेत दिए है।

Update: 2022-01-31 17:07 GMT

नई दिल्ली। जलवायु परिवर्तन की चुनौतियां दिनों-दिन जिस तरह से सामने आ रही है, उसे देखते हुए सरकार ने भी अब इससे निपटने की मुहिम को और तेज करने के संकेत दिए है। आर्थिक सर्वेक्षण 2021-22 में जलवायु परिवर्तन को पहली बार एक नए अध्याय के रूप में शामिल करके सरकार ने इसकी गंभीरता को भी सामने लाया है। वैसे भी कॉप- 26 में जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने के लिए सरकार ने जो लक्ष्य तय किए गए है, जिसमें वर्ष 2070 तक नेट जीरो का लक्ष्य भी शामिल है, उसे हासिल करने के लिए आने वाले दिनों में कुछ और भी अहम कदम उठाए जा सकते है।

आर्थिक सर्वेक्षण में सरकार ने इसके साथ ही वायु प्रदूषण और प्लास्टिक कचरे से जूझ रहे देश के सभी प्रमुख शहरों को भी इससे निजात दिलाने की मुहिम को भी आगे जारी रखने के संकेत दिए है। रिपोर्ट में सरकार ने यह बताया है कि पिछले सालों में वायु प्रदूषण के लिए निपटने के लिए सभी प्रमुख शहरों में जिस तरह से काम किया गया है, उसके परिणाम आने वाले दिनों में दिखेंगे। खासकर वाहनों और उद्योगों से होने वाले प्रदूषण के स्तर में सुधार देखने को मिलेगा। वहीं प्लास्टिक कचरे की रिसाइक्लिंग पर भी जोर दिया गया है। जलवायु परिवर्तन की इस चुनौतियों के बीच सरकार सरकार के लिए कुछ सुखद संकेत भी सामने आए है, जिसमें देश के वन क्षेत्र में वर्ष 2011 के मुकाबले 2021 में तीन प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी हुई है। वैसे भी जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम करने के लिए ज्यादा से ज्यादा हरियाली बढ़ाने पर जोर है।
अब तक ये कदम प्रमुख
फिलहाल जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने के लिए जो कदम उठाए गए है, उनमें लोगों की जीवन शैली को पर्यावरण अनुकूल बनाने सहित सौर ऊर्जा को बढ़ावा देना आदि शामिल है। खास बात यह है कि सरकार ने जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने के लिए करीब आठ मिशन भी शुरुआत की है। इनमें राष्ट्रीय सौर ऊर्जा मिशन, हरित मिशन आदि शामिल है।
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