वसूली के आरोपी IPS को सरकार ने निलंबित किया, अफसर ने सफाई में कही यह बात
मुंबई: मुंबई पुलिस के डीसीपी सौरभ त्रिपाठी जिस पर अंगड़िया से वसूली करने के आरोप हैं उन्हें मंगलवार को महाराष्ट्र सरकार ने निलंबित कर दिया है. सूत्रों ने बताया कि त्रिपाठी ने उनके खिलाफ चल रही प्रारंभिक जांच के दौरान जांच अधिकारी को एक ऑडियो रिकॉर्डिंग पेन ड्राइव में सौंपी थी जिसमें दावा किया गया कि अंगड़िया उनसे मिलने आए थे और उस मीटिंग में उन लोगों ने उनके खिलाफ कोई करवाई ना हो इसके किए रिश्वत देने की बात कही थी.
मामले की जांच कर रही क्राइम ब्रांच को शक है कि त्रिपाठी ने पैन ड्राइव में जो ऑडियो रिकोर्डिंग दी थी वो टेम्पर्ड हो सकती है. सीआईयू ने यह भी पाया कि त्रिपाठी ने एलटी मार्ग के पुलिस अधिकारियों को कथित तौर पर अंगड़िया पर छापे मारने के लिए कहा ताकि वो अंगड़िया पर दबाव बना सके और उनसे महीने के 10 लाख रुपये वसूली के रूप में ले सके.
सूत्रों के अनुसार, एडिशन्स कमिश्नर (साउथ रीजन) दिलीप सावंत द्वारा की गई प्रारंभिक जांच के दौरान, त्रिपाठी को पूछताछ के लिए बुलाया गया था क्योंकि अंगड़िया ने उनके खिलाफ शिकायत की गई थी कि वह उनसे महीने के 10 लाख रुपये की मांग कर रहे हैं. सावंत के सामने अपना बयान दर्ज कराते हुए त्रिपाठी ने सभी आरोपों से इनकार किया और अपने बचाव में एक ऑडियो रिकॉर्डिंग दी जिसके द्वारा वो यह साबित करना चाहते थे की अंगड़िया के समूह ने उनसे मुलाकात की और कथित तौर पर उनके अधिकार क्षेत्र में आने वाले स्थानीय पुलिस स्टेशनों द्वारा उनके (अंगड़िया के खिलाफ) किसी भी तरह की कार्रवाई ना करने के लिए महीने के हिसाब से रिश्वत की बात की.
क्राइम ब्रांच के सूत्रों ने बताया की इस मामले में जो ऑडियो रिकोर्डिंग त्रिपाठी ने दिए थे वो टेंपर की गई हो सकती है या फिर उसे एक स्क्रिप्ट की तरह बनाया गया है ताकि इसके आधार पर त्रिपाठी अपना बचाव कर सके. इसी वजह से ऐन क्राइम ब्रांच फॉरेंसिक एक्सपर्ट की मदद लेने के बारे में सोच रहे हैं जिससे इस ऑडियो का सच पता लगाया जा सके. वहीं अंगड़िया से जुड़े लोगों ने भी एक ऑडियो क्लिप मुंबई पुलिस को सौंपी है जिसमें आरोप लगाया गया है कि त्रिपाठी अंगड़िया व्यापारियों को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं और उन्हें उनकी शिकायत वापस लेने को बोल रहे हैं.
त्रिपाठी के खिलाफ जबरन वसूली की जांच कर रही सीआईयू को त्रिपाठी द्वारा हवाला का इस्तेमाल कर पैसे एक जगह से दूसरे जगह भेजने का ट्रेल मिला है जिसके बाद ही त्रिपाठी को फरार घोषित किया गया. सूत्रों ने बताया कि नवंबर 2021 से लेकर जनवरी 2022 तक त्रिपाठी ने हवाला नेट्वर्क का इस्तेमाल कर लगभग 59 लाख रुपए मुंबई से ट्रांसफर किए हैं जिसमें से 19.5 लाख रुपए इस मामले से जुड़े हैं. वहीं बाक़ी के पैसे किसी और मामले से जुड़े होने का अनुमान लगाया जा रहा है. क्राइम ब्रांच ने यह भी बताया कि वो सिर्फ अंगड़िया की इसी शिकायत के आधार पर जांच कर रहे थे लेकिन जांच के दौरान उन्हें एक ऐसा गवाह मिला जिसने नवंबर में भी त्रिपाठी के कहने पर पैसे भेजने की बात कही जिसके बाद नवंबर महीने के ट्रांसेक्शन की जांच की गई तो 40 लाख रुपए के बारे में जानकारी मिली.
क्राइम ब्रांच ने अब तक 30 से ज़्यादा लोगों के बयान दर्ज किए हैं जिसने अंगड़िया व्यापारी और पुलिस वालों का समावेश है. क्राइम ब्रांच ने क्राइम ब्रांच के ACP का बयान भी दर्ज किया जो कि उस समय LT मार्ग के सीनियर PI हुआ करते थे उन्होंने अपने बयान में बताया की उन्हें इस वसूली के बारे में कोई जानकारी नहीं थी.