तहसीलदार हाईकोर्ट में देंगे जवाब, मंदिर के नाम दर्ज जमीन कैसे कब्रिस्तान के नाम पर हुई?

जमीन की स्थिति बदलने पर अदालत सख्त.

Update: 2023-08-11 03:40 GMT
प्रयागराज: वृंदावन के प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर की जमीन का स्वामित्व कब्रिस्तान के नाम पर दर्ज हो गया है. इस मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मथुरा जिले के छाता तहसीलदार से जवाब तलब किया है और पूछा है कि बांके बिहारी जी महाराज मंदिर की भूमि का स्वामित्व 2004 में राजस्व रिकॉर्ड में कब्रिस्तान के नाम पर कैसे बदल दिया गया? जस्टिस सौरभ श्रीवास्तव ने श्री बिहारी जी सेवा ट्रस्ट, मथुरा द्वारा दायर एक याचिका पर यह आदेश पारित किया है.
हाई कोर्ट ने मामले में सुनवाई की अगली तारीख 17 अगस्त तय की है. रिट याचिका में बताया गया कि छाता (मथुरा) में बांके बिहारी जी महाराज मंदिर की जमीन को गलत तरीके से कब्रिस्तान के रूप में दर्ज कर दिया गया है. इस संबंध में राजस्व अधिकारियों को सही प्रवृष्टि दर्ज करने का निर्देश देने की मांग की गई है.
राज्य सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील ने अदालत का ध्यान इस ओर दिलाया कि एक आवेदन भी पेंडिंग है. राजस्व रिकॉर्ड में अब प्रविष्टियां कब्रिस्तान से 'पुरानी आबादी' में बदल दी गई हैं. अदालत ने पारित अपने आदेश में कहा, शाहपुर गांव के प्लॉट 1081 की स्थिति राजस्व अधिकारी की ओर से समय-समय पर क्यों बदली गई? इस कार्यवाही के बारे में पूरी जानकारी देने के लिए व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का भी निर्देश दिया गया है. याचिकाकर्ता के मुताबिक, ग्राम शाहपुर में स्थित प्लॉट नंबर 1081 मूल रूप से बांके बिहारी जी महाराज मंदिर के नाम पर है और यह बात 1375-1377F के अधिकार अभिलेख से स्पष्ट है.
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