Una. ऊना। ऊना जिला के देहलां गांव के प्रगतिशील किसान 50 वर्षीय हरभजन सिंह डेयरी फॉर्म चलाकर परिवार की आर्थिकी को सुदृढ़ बना रहे हैं। निजी क्षेत्र में काम करने वाले हरभजन सिंह आज 20 गाय व 6 भैंस पालकर जहां प्रतिदिन एक से डेढ़ क्विंटल दूध का उत्पादन कर रहे हैं तो वहीं दूध बेचकर अच्छी खासी आमदन भी प्राप्त कर रहे है। हरभजन सिंह के इस कार्य में उनका 19 वर्षीय बेटा अमनवीर सिंह भी हाथ बंटा रहा है। साथ ही डेयरी फार्म में सहयोग के लिए एक स्थानीय ग्रामीण को भी रोजगार मुहैया करवाया है। जब इस संबंध में खुश मिजाज व्यक्तित्व के धनी हरभजन सिंह से बातचीत की तो उनका कहना है बचपन से ही पिता जी के साथ वे पशुपालन से जुड़े रहे हैं।
पहले वे छोटे स्तर पर यह कार्य करते रहे हैं लेकिन पिछले 4 वर्षों से उन्होंने बड़े स्तर पर डेयरी फॉर्म चलाने का निर्णय लिया। वर्तमान में उनके पास मुर्रा नस्ल की 6 भैंसे तथा साहीवाल, जर्सी तथा एचएफ नस्ल की 20 गाय हैं। एक भैंस से जहां औसतन 18 लीटर दूध प्राप्त हो रहा है तो वहीं गायों से औसतन 30 से 35 लीटर दूध प्रतिदिन मिल रहा है। कुल मिलाकर एक दिन में वे औसतन एक से डेढ़ क्विंटल दूध उत्पादन कर रहे हैं। वर्तमान में उन्हें कुल दूध उत्पादन में से संपूर्ण लागत व खर्च निकालकर लगभग 30 से 35 प्रतिशत तक की शुद्ध आय प्राप्त हो रही है। हरभजन सिंह बताते हैं कि वे अधिकत्तर दूध अमूल डेयरी को बेच रहे हैं। इसके अलावा आसपास के ग्रामीण भी घर से ही दूध खरीदते हैं। कुल मिलाकर डेयरी फॉर्म से तैयार दूध आसानी से बिक जाता है, लेकिन उन्हें दूध की लागत के हिसाब से अमूल, वेरका आदि बेहतर दाम नहीं दे रही हैं।
उपायुक्त ऊना जतिन लाल का कहना है कि सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से पात्र लोगों को लाभांवित करने का हर संभव प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने जिला के सभी विभागीय अधिकारियों को धरातल पर सरकार की योजनाओं के कार्यान्वयन को सख्त निर्देश जारी किए हैं। ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को सरकारी योजनाओं से जोड़ा जा सके। वरिष्ठ पशु चिकित्साधिकारी ऊना डॉ. राकेश भट्टी का कहना है कि देहलां के प्रगतिशील किसान हरभजन सिंह डेयरी उत्पादन के क्षेत्र में बेहतरीन कार्य कर रहे हैं। उन्हें विभाग के माध्यम से सरकार की ओर मिलने वाली विभिन्न तरह की मदद प्रदान की जा रही है। उन्होंने बताया कि किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से दो दुधारू पशु खरीदने को 1 लाख 60 हजार रुपये का आर्थिक लाभ प्रदान किया है। साथ ही समय-समय पर विभाग की ओर से प्रशिक्षण तथा अन्य लाभ भी दिये जा रहे हैं।