Sirohi 158 नंबर तक ही हैं पट्टे, 385 वाला अनुमति लेने आया तो हुआ खुलासा

Update: 2024-08-07 12:04 GMT
Sirohi. सिरोही। सिरोही एसएफएल को भेजे फर्जी व मूल पट्टे पुलिस ने ईओ व चेयरमैन के हस्ताक्षरों की सत्यता जानने के लिए फर्जी पट्टों को मूल के साथ एसएफएल को जांच के लिए भेजा है। जांच रिपोर्ट आने के बाद बड़ा खुलासा हो सकता है। पट्टों को लेकर बयान लिए जा रहे हैं ^फर्जी पट्टों को लेकर जांच चल रही है। जिनके नाम पर पट्टे हैं, उन्हें नोटिस देकर बयान लिए जा रहे हैं। पट्टों से संबंधित नगर पालिका अधिकारी व कर्मचारियों के बयान लिए गए हैं। पट्टों पर चेयरमैन व ईओ के हस्ताक्षरों की जांच के लिए रिपोर्ट फोरेंसिक लैब भेजी गई है। जांच रिपोर्ट आने में कुछ समय लगेगा। रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। - मुकेश चौधरी, पुलिस उपाधीक्षक, सिरोही मई में दर्ज हुआ था मामला फर्जी हस्ताक्षरों से पट्टे के मामले में नगरपालिका जावाल के तत्कालीन ईओ महेंद्र कुमार राजपुरोहित ने बरलूट थाने में मामला दर्ज कराया था। पुलिस को पेश रिपोर्ट में उन्होंने बताया कि जावाल निवासी विकास पुत्र मोहनलाल माली ने मेरे फर्जी हस्ताक्षर व कूटरचित दस्तावेज बनाकर पट्टा बनवा लिया। सूत्र बताते हैं कि विकास ने भवन निर्माण को लेकर नगरपालिका में मामला दर्ज कराया था। नगरपालिका में उसके पट्टों की संख्या 355 होने पर नगरपालिका में दस्तावेजों की जांच की गई, जिसमें इस संख्या का पट्टा जारी नहीं होने पर नगरपालिका ने तत्कालीन ईओ को पत्र लिखा। बाद में ईओ ने मामले में बरलूट थाने में मामला दर्ज कराया। पहला: नगरपालिका में न तो बैठक हुई और न ही
रजिस्टर दर्ज है।


नए नियमों में पट्टा जारी करने से पहले नगरपालिका में पट्टा शाखा में फाइल जमा कराने के बाद एईए, जेईएन की मौका रिपोर्ट के बाद चेयरमैन व ईओ के साथ बैठक होती है। इसके अलावा राशि निकाली जाती है, नगर पालिका इसकी रसीद भी देती है, पुलिस को मिले पट्टे न तो नगर पालिका में किसी आवक-जावक रजिस्टर में दर्ज हैं और न ही इस संबंध में कोई बैठक हुई है। सिरोही जावाल नगर पालिका में फर्जी पट्टे के मामले में पुलिस नगर पालिका के रिकॉर्ड खंगाल रही है। अब तक 22 पट्टे फर्जी पाए गए हैं। यह संख्या 200 के करीब पहुंच सकती है। ग्रामीणों को दिए गए पट्टे असली लग रहे थे, इसलिए डिजिटल हस्ताक्षर भी उपयोग किए जाने पाए गए हैं। हालांकि अभी नाम उजागर नहीं किए गए हैं। पुलिस जिन लोगों के रजिस्ट्रेशन मिले हैं, उन्हें नोटिस देकर बयान ले रही है। पुलिस ने पट्टों पर किए गए हस्ताक्षरों के नमूने फोरेंसिक जांच के लिए भेजे हैं। फोरेंसिक जांच रिपोर्ट आने के बाद दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। मामला सामने आने के बाद नगर पालिका ने सार्वजनिक नोटिस भी जारी किया है। उनके अनुसार नगर पालिका द्वारा अंतिम पट्टा संख्या 158 सवा साल पहले 6 अक्टूबर 2023 को जारी किया गया था। जबकि पुलिस जांच में जब्त पट्टों की संख्या 301 से शुरू हो रही है। इनके जारी होने की तिथि अक्टूबर, नवंबर 2023 के बीच है। साथ ही पट्टे निरस्त करते हुए नोटिस में अपील की है कि यदि 158 से अधिक संख्या वाले पट्टे हैं तो उन्हें नगर पालिका में जमा कराएं। नगर पालिका द्वारा जनसूचना में जारी पट्टों की क्रम संख्या के अनुसार पट्टा संख्या 385 है। यानी 385 में से नगर पालिका के 158 वैध पट्टे हटा दिए जाएं तो आंकड़ा 227 पर पहुंचता है। दूसरा: लोगों के पास नगर पालिका की रसीद भी नहीं {जांच में सामने आया है कि ग्रामीणों को धोखे में रखकर फर्जी पट्टे बनाए गए हैं। इसमें जिन लोगों के नाम से पट्टे जारी किए गए, उनके पास न तो नगर पालिका की रसीद है और न ही वे कभी नगर पालिका गए। उन्हें घर बैठे ही पट्टे मिल गए।
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