बंगाल के वैज्ञानिकों ने ब्लैक फंगस की जांच के लिए बाजार में तैयार किया 'स्वदेसी किट'

पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले से अच्छी खबर सामने आई है।

Update: 2021-08-26 09:56 GMT

पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले से अच्छी खबर सामने आई है। यहां पर वैज्ञानिकों ने ब्लैक फंगस होने वाले मरीजों की जांच के लिए स्वदेशी किट विकसित की है। दक्षिण 24 परगना के बकराहाट क्षेत्र की एक लैब में वैज्ञानिकों ने इसे तैयार किया है। इस किट की कीमत एक हजार रुपये होगी। इससे पहले यह इससे सात से आठ हजार रुपये में खरीदना पड़ता था। बता दें कि देश में कोरोना वायरस के संक्रमण के साथ पिछले दिनों ब्लैक फंगस (म्यूकोरमाइकोसिस) के भी अनेक मामले सामने आए हैं। इसकी वजह से कई लोगों ने दम तोड़ दिया।

किट तैयार करने वाली कंपनी जीसीसी बायोटेक प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक राजा मजूमदार ने बताया कि बाजार में पहले 7,000-8000 रुपये में किट उपलब्ध थी, लेकिन नई तकनीक की वजह से इसकी कीमत में गिरावट आई है। अब यह 1000 रुपये में उपलब्ध है। यह ब्लैक फंगस टेस्ट किट बनाने वाली देश की पहली कंपनी है। दुनिया में अभी तक इससे सस्ती किट बनाने वाली कोई कंपनी नहीं है।
दुनिया की सबसे सस्ती देसी किट
राजा मजूमदार ने दावा किया कि कंपनी के वैज्ञानिकों ने ब्लैक फंगस की पहचान के लिए दुनिया की सबसे सस्ती परीक्षण किट बनाने में कामयाबी प्राप्त की है। शोध के दौरान कलकत्ता विश्वविद्यालय के जैव प्रौद्योगिकी विभाग ने किट की गुणवत्ता की जांच की है और इसकी पुष्टि की है। कंपनी ने दावा किया है कि उसके पास 10 लाख से ज्यादा स्टॉक है।
कलकत्ता विश्वविद्यालय के जैव प्रौद्योगिकी विभाग के प्रोफेसर कौस्तव पांडा के मुताबिक, यह परीक्षण किट 95 फीसद बलगम या फंगस की पहचान करने में कामयाब है। इनमें मुख्यतः तीन तरह के फंगस होते हैं। जबकि आयातित किट 65 फीसद बलगम या फंगस की पहचान कर सकती है।
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