राज्‍यसभा चुनाव: कुलदीप बिश्‍नोई करेंगे बड़ा खेला? आया बयान

Update: 2022-06-04 05:41 GMT

चंडीगढ़: राज्यसभा चुनाव में राजस्थान और हरियाणा की लड़ाई दिलचस्प होती जा रही है। दोनों ही जगहों पर कांग्रेस की चिंता बढ़ती ही जा रही है। पार्टी को क्रॉस वोटिंग का खतरा सता रहा है। यही वजह है कि कांग्रेस ने अपने सभी विधायकों को सुरक्षित स्थान पर घेराबंदी कर ली है। इस बीच हरियाणा कांग्रेस के नेता और विधायक कुलदीप बिश्नोई ने पार्टी की चिंता बढ़ा दी है। उन्होंने कहा कहा है कि वह किसी के दबाव में आकर वोट नहीं करने जा रहे हैं।

कुलदीप बिश्नोई ने कहा, 'मैं एक मजबूत कांग्रेसी रहा हूं और मैं किसी और से बात नहीं कर रहा हूं। राहुल गांधी से मिलने से पहले कोई फैसला नहीं करूंगा। तब तक मैं कांग्रेस के किसी मंच पर खड़ा नहीं होऊंगा। मैंने राज्यसभा चुनाव के लिए वोटिंग पर फिलहाल फैसला नहीं किया है। मैं अपनी मर्जी से वोट करूंगा, किसी के दबाव में नहीं।''
हालांकि, बिश्नोई ने रणदीप सुरजेवाला की तारीफ की है। उन्होंने कहा, ''सुरजेवाला बहुत अच्छे राजनेता हैं, ऐसे व्यक्ति का राज्यसभा में होना जरूरी है। मैं राजस्थान के सभी कांग्रेस नेताओं से अनुरोध करता हूं कि वे सब कुछ भूलकर उनकी योग्यता के आधार पर उन्हें वोट दें।''
90 विधायकों वाली हरियाणा विधानसभा में राज्य सभा की 2 सीटों के लिए चुनाव हो रहे हैं। कांग्रेस ने यहां से अजय माकन को टिकट दिया है। वहीं भाजपा ने कृष्णलाल पंवार को प्रत्याशी बनाया है। पूर्व केंद्रीय मंत्री विनोद शर्मा के बेटे कार्तिकेय शर्मा ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर नामांकन दाखिल कर दिया है। हरियाणा में राज्यसभा सीट जीतने कांग्रेस के पास 31 विधायक हैं, लेकिन कार्तिकेय शर्मा की दावेदारी ने पेंच फंसा दिया है।
कार्तिकेय के ससुर कुलदीप शर्मा हरियाणा कांग्रेस पार्टी से विधायक हैं। गुरुवार को केंद्रीय नेतृत्व ने सभी विधायकों को दिल्ली बुलाया था। उसके बाद सभी लोगों को रायपुर रवाना किया गया। सभी विशेष विमान से देर शाम रायपुर एयरपोर्ट पहुंचे।
भाजपा के पास 40 व कांग्रेस के पास अपने 31 विधायक हैं। 31 विधायकों के समर्थन से कांग्रेसी प्रत्याशी की जीत तय है, लेकिन कांग्रेस को खतरा क्रॉस वोटिंग से है। ऐसा इसलिए कि कहीं 2016 की तरह की अप्रत्याशित घटना यानी पेनकांड न हो जाए। कोई विधायक अपना वोट रद्द ना करवा ले।
कार्तिकेय के पास भाजपा, जजपा, निर्दलीय और गोपाल कांडा का समर्थन है। हालांकि यह सभी मिलकर 31 तक नहीं पहुंचते हैं और गिनती में 28 ही बनते हैं, लेकिन कांग्रेस में जिस तरीके से पार्टी के अंदर ही कई नेताओं में नाराजगी चल रही है, उसे देखते हुए यह संभावना जताई जा रही है कि कार्तिकेय उलटफेर कर सकते हैं।


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