Bilaspur. बिलासपुर। बरसाती मौसम में मूसलाधार बारिश के बीच एचआरटीसी की पुरानी हो चुकी बसों की छत टपकता पानी यात्रियों के लिए मुसीबत भरा होता है। बिलासपुर डिपो में भी ऐसी पांच बसें हैं जिनकी रिपोर्ट मिलने के बाद डिपो के डिप्टी डीएम विवेक लखनपाल ने मरम्मत करवाकर यात्रियों को मुसीबत से राहत प्रदान की है। इस समय बिलासपुर डिपो में 124 बसें हैं जो कि 160 रूट्स पर चलती हैं। इन बसों में 18 बसें लंबे तो बाकी लोकल रूट्स पर चलती हैं। दिल्ली के लिए ही 6 बसें चलती हैं, जबकि चंडीगढ़ के लिए 5, हरिद्वार के लिए 2, चंबा, कटड़ा व लुधियाना के लिए 1-1 और अमृतसर के लिए 2 बसें चल रही हैं। खास बात यह है कि डिपो में जो नई आठ बसें हैं उनकी खपत तो दिल्ली रूट पर ही हो जाती है। ऐसी परिस्थितियों में डिपो प्रबंधन को अन्य लंबे रूट्स पर पुरानी बसें भेजने पड़ती है। डिपो के डिप्टी डीएम का कहना है कि निदेशालय को बीस नई बसों की डिमांड भेजी गई है।
बरसात के मौसम में बसों की छत से पानी टपकने की वजह से यात्रियों को होने वाली परेशानी पर स्थानीय लोगों की राय जानी तो लोगों ने बेवाकी से अपनी राय रखी। बिलासपुर के युवा समाजसेवी अनिरूद्ध का कहना है कि बारिश का मौसम होने के चलते एचआरटीसी की पुरानी व कंडम हो चुकी बसों को भेजा जाता है जो कि कई बार रास्ते में ही हांफ जाती हैं। कई पुरानी बसों की छत से बारिश का पानी टपकता ह। यदि बस में ही छाता ओढक़र सफर करना पड़े तो प्रबंधन की व्यवस्थाओं पर सवाल उठना लाजिमी है। बिलासपुर के करप्रीत का कहना है कि ऐसा कई बार देखने में आया है कि लोकल रूटों पर भेजी जा रही पुरानी बसें तकनीकी खराबी के चलते खड़ी हो जाती हैं। निगम के पास ऐसी कई पुरानी बसें हैं जिनकी छत जर्जर हालत में होती है और बारिश होने के दौरान छत से पानी टपकता है। निगम प्रबंधन को चाहिए कि समय समय पर बसों की मरम्मत करवाए। बिलासपुर के युवा नवीन सोनी का कहना है कि कई पुरानी बसों की छत जर्जर हो चुकी हैं। मरम्मत के अभाव में बारिश होने के दौरान सारान पानी बस के अंदर टपकता है जिससे यात्रियों को परेशानी होती है। पुरानी व कंडम बसें कभी बंदला तो कभी अन्य रूट पर बस खड़ी हो जाती है। ऐसे में जब बस वर्कशॉप से चलती है तो उसकी प्रॉपर चैकिंग होनी चाहिए।