राहुल की यात्रा को दिल्ली पहुंचने में 108 दिन लगे, लेकिन असली परीक्षा 455 दिन बाद
नई दिल्ली (आईएएनएस)| राहुल गांधी को दिल्ली पहुंचने में 108 दिन लगे, लेकिन असली लड़ाई 2023 में शुरू होगी, जब अगले साल की शुरूआत में कर्नाटक विधानसभा चुनाव होंगे।
आम चुनाव की उलटी गिनती भी शुरू हो चुकी है और लगभग 455 दिन बचे हैं। मई 2024 में यह तय हो जाएगा कि देश में किसका शासन होगा। यूपीए 2014 से सत्ता से बाहर है और मोदी लहर ने लगातार दो चुनावों में कांग्रेस को पटखनी दी है।
कांग्रेस को मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में महत्वपूर्ण चुनाव का सामना करना है।
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने शनिवार को संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का आज 108वां दिन है और अब तक 46 जिलों को कवर किया जा चुका है।
3 जनवरी को यात्रा फिर से उत्तर प्रदेश से शुरू होकर हरियाणा, पंजाब और फिर जम्मू-कश्मीर तक जाएगी।
राहुल गांधी 26 जनवरी को श्रीनगर में तिरंगा फहराएंगे। अब तक यात्रा 3200 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय कर चुकी है।
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने सारा श्रेय राहुल गांधी को देते हुए कहा, ''इन 108 दिनों में राहुल जी के शारीरिक संघर्ष को तो सबने देखा है, साथ ही लोगों ने यात्रा को बदनाम करने की कोशिश भी देखी है।''
कांग्रेस नेता ने भाजपा पर कोविड का डर पैदा करने के लिए भी निशाना साधा और कहा, स्वास्थ्य एक गंभीर मुद्दा है, इसे अपनी राजनीति के लिए इस्तेमाल न करें।
भारत जोड़ो यात्रा के दौरान तीन चुनाव कराए गए। कांग्रेस हिमाचल को भाजपा से छीनने में कामयाब रही, लेकिन गुजरात और दिल्ली नगर निगम चुनावों में उसे हार का सामना करना पड़ा।
राहुल गांधी बीजेपी पर निशाना साधते रहे हैं और शनिवार को भी उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधने में देर नहीं की।
शनिवार को दिल्ली में प्रवेश करते हुए, उन्होंने भाजपा-आरएसएस पर तीखा हमला किया और कहा कि कुछ लोग नफरत फैला रहे हैं लेकिन आम लोग सद्भाव चाहते हैं और लाखों लोग यात्रा में शामिल हुए हैं।
राहुल ने कहा, भाजपा-आरएसएस की चाल डर और नफरत फैलाने की है, लेकिन हम इसकी अनुमति नहीं देंगे। मैंने नफरत के बाजार में प्यार की दुकान खोली है।
इस पर पूर्व केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने राहुल गांधी पर जमकर निशाना साधा। आईएएनएस से बात करते हुए नकवी ने कहा, अगर वह लव गुरु बनना चाहते हैं तो यह उनकी इच्छा है, लेकिन बीजेपी एक ऐसी पार्टी है जो नफरत करने वालों के दिलों में प्यार पैदा करती है और आरएसएस के लिए किसी स्पष्टीकरण की जरूरत नहीं है।
नए कोविड वेरिएंट के खतरे के बीच यात्रा की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा, यह 'जोड़ो का नारा, तोडो की नीति' जैसा लगता है। कोविड प्रोटोकॉल का पालन नहीं करना मुझे 2020 में पहली लहर के समय की याद दिला रहा है जब वे कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने से इनकार कर रहे थे। वे फिर से वही बात दोहरा रहे हैं।
यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी भी शनिवार को राष्ट्रीय राजधानी में राहुल गांधी की यात्रा में शामिल हुईं। प्रियंका गांधी वाड्रा पति रॉबर्ट वाड्रा के साथ सुबह उनके साथ शामिल हुईं।