असम | असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने सभी उपायुक्तों (Deputy Commissioners) को एक परामर्श जारी किया है, जिसमें जिलों के उनके आधिकारिक दौरे के दौरान पालन किए जाने सादगीपूर्ण कार्यक्रमों के विवरण सूचीबद्ध किए गए हैं। परामर्श में कहा गया है कि मुख्यमंत्री को गमोछा/फूलों का गुलदस्ता देकर सम्मानित करने से सख्ती से बचा जाना चाहिए और उन्हें कोई उपहार नहीं दिया जाना चाहिए।समारोह शुरू होने से पहले आयोजक द्वारा दीप प्रज्जवलित किया जा सकता है जो पूरी बैठक के दौरान जलता रह सकता है। इसमें कहा गया है कि वक्ता के अलावा कोई अन्य धन्यवाद प्रस्ताव ना करे। मुख्यमंत्री के रात्रि प्रवास के मामले में अगली सुबह का कार्यक्रम वाणिज्यिक वृक्षारोपण से शुरू होना चाहिए। परामर्श में कहा गया कि चाय कुल्हड़ में दी जानी चाहिए और पानी को एक बार इस्तेमाल होने वाली प्लास्टिक की बोतलों के बजाए कांच की बोतलों या जगों में रखा जाना चाहिए।
दोपहर के भोजन और रात के खाने का मेन्यू हमेशा असमिया/स्थानीय आदिवासी मेन्यू के साथ साधारण शाकाहारी भोजन होना चाहिए। मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव समीर सिन्हा ने ट्वीट किया, ‘‘यह परामर्श इसलिए जारी किया गया है क्योंकि मुख्यमंत्री चाहते हैं कि किसी भी वीआईपी संस्कृति से बचा जाए और सादगीपूर्ण संस्कृति को अपनाया जाए।''