Shimla. शिमला। एचपीएमसी अपने पराला प्लांट में भी वाइन तैयार करेगा। इसकी मंजूरी बेशक कैबिनेट से मिल चुकी है, मगर एचपीएमसी को अभी जरूरी औपचारिकताएं पूरी करने में समय लग रहा है। वाइन के लिए जरूरी लाइसेंस लेने को एचपीएमसी अभी आबकारी कराधान विभाग के फेर में फंसा हुआ है, जिनकी औपचारिकताएं इतनी ज्यादा हैं कि हो सकता है एचपीएमसी का यह सीजन ही निकल जाए। हालांकि इन औपचारिकताओं को पूरा करने के लिए तेजी से काम हो रहा है, मगर इसमें अभी समय लग ही जाएगी। पराला में एचपीएमसी का नया प्लांट तैयार हुआ है, जहां पर आधुनिक मशीनें स्थापित की गई हैं। विश्व बैंक की परियोजना के माध्यम से उसे पैसा मिला है, जिससे यहां पर प्लांट तैयार किया गया है। पिछली कैबिनेट मंजूरी मिलने के बाद एचपीएमसी इस प्लांट को चलाने की तैयारी में है मगर इससे पहले उसे राज्य कर एवं आबकारी विभाग से लाइसेंस चाहिए। इस लाइसेंस को हासिल करने के फेर में अभी एचपीएमसी के अधिकारी फंसे हुए हैं।
पराला में वाइन का कारोबार शुरू होता है तो निगम को अच्छी खासी आमदनी होगी। बताया जाता है कि अभी एचपीएमसी अपने जड़ोल स्थित प्लांट में वाइन तैयार कर रहा है। वहां पर एक लाख लीटर वाइन बना रहा है, जिसकी अच्छी डिमांड मार्केट में है। इसी डिमांड को देखते हुए एचपीएमसी अपने दूसरे प्लांट को भी चलाना चाहता है। पराला में भी लगभग एक लाख लीटर वाइन तैयार करने की क्षमता बताई जा रही है। ऐसे में फिर एचपीएमसी के पास दो लाख लीटर वाइन की क्षमता हो जाएगी। राज्य कर एवं आबकारी विभाग से लाइसेंस लेने के लिए उसने अप्लाई कर दिया है, मगर अभी इसकी कई औपचारिकताएं शेष हैं। वैसे सरकारी क्षेत्र की एजेंसी को भी आबकारी विभाग खूब छकाता है, जबकि कैबिनेट से मंजूरी मिल जाने के बावजूद इतनी ज्यादा औपचारिकताएं नहीं होनी चाहिएं, ऐसा माना जा रहा है।