Shimla. शिमला। हिमाचल प्रदेश पावर कारपोरेशन के दो और सोलर प्रोजेक्ट उत्पादन में आने वाले हैं। करीब दो महीने पहले इनकी घोषणा हुई थी और तेजी के साथ इन पर काम किया गया। करीब 15 मेगावाट क्षमता के इन प्रोजेक्टों का उद्घाटन इसी महीने संभावित है। इसमें अघलोर और भंजाल है, जिसमें अघलोर 10 मेगावाट और भंजाल 5 मेगावाट क्षमता का है। पावर कारपोरेशन तेजी के साथ सौर ऊर्जा परियोजना के निर्माण में जुटा है, जिसके पास कुछ और परियोजनाओं के भी प्रोपोजल हैं। मैदानी इलाकों में इनकी संभावनाओं को देखा जा रहा है और आने वाले समय में उनको भी तैयार किया जाएगा। सरकारी क्षेत्र में लगने वाले ये सोलर पावर प्रोजेक्ट सरकार की करोड़ों रुपए की राशि बचाएंगे। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने विशेष रूप से पावर कारपोरेशन को इस पर फोकस करने को कहा है। नालागढ़ व ऊना में सात परियोजनाएं चिन्हित की हैं, जिन पर प्रारंभिक काम शुरू हो गया है, लेकिन इसके साथ अब कांगड़ा और हमीरपुर में भी छोटे सोलर प्रोजेक्ट लगाने को लेकर संभावनाएं देखी जा रही हैं। सिरमौर में भी ऐसे कुछ स्थान देखे गए हैं, जहां पर माना जा रहा है कि सोलर पावर जनरेशन की संभावना है।
सूत्रों के अनुसार पिछले दिनों मुख्यमंत्री के साथ हुई ऊर्जा क्षेत्र की बैठक में सोलर पावर जनरेशन पर ध्यान देने को कहा गया है, इसकी बिजली पीक लोड ऑवर्स में काम आएगी, क्योंकि उस दौरान यहां बिजली खरीदनी पड़ती है और वह पैसा सरकार का बच सकेगा। हालांकि इसमें फायदा बिजली बोर्ड को है, लेकिन कहीं न कहीं सरकार भी इसमें जुड़ी हुई है, जो सबसिडी के रूप में बोर्ड को पैसा देती है। पावर कारपोरेशन अपने सात सोलर प्रोजेक्ट पर फोकस कर रहा है, जिसके लिए टेंडर की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। जनवरी तक ये काम आगे सौंप दिए जाएंगे व प्रोजेक्टों पर काम शुरू करके अगले साल जून तक पूरा करने का लक्ष्य रखा जाएगा। ऊना के गोंदपुर बुल्ला में एक सोलर पावर प्रोजेक्ट 12 मेगावाट क्षमता का लगाने की तैयारी है। ऊना के लमलेहरी उपरली में 11 मेगावाट क्षमता का दूसरा प्रोजेक्ट लगेगा। ऊना में ही तीसरा प्रोजेक्ट तिहरा खास में लगाया जाना है, जो कि छह मेगावाट क्षमता का होगा। नालागढ़ के दभोटा में नौ मेगावाट की क्षमता की सोलर परियोजना स्थापित की जाएगी। नालागढ़ के बड़ा बसोट में भी एक आठ मेगावाट क्षमता की परियोजना स्थापित होनी है। वहीं नालागढ़ के ही माजरा, दभोटा व सनेड़ में एक 13 मेगावाट क्षमता की परियोजना संभावित है।