News: पटवारी-कानूनगो कैडर बदलने पर बवाल

Update: 2024-07-16 09:54 GMT
Shimla. शिमला। पटवारी और कानूनगो के कैडर में बदलाव पर मचा घमासान चरम पर पहुंच गया है। विरोध में संयुक्त पटवारी और कानूनगो एसोसिएशन ने सभी ऑनलाइन काम बंद कर दिए हैं। साथ ही राजस्व विभाग और जिला प्रशासन से जुड़े तमाम व्हाट्सऐप ग्रुप से भी कर्मचारियों ने खुद को अलग कर लिया है। सोमवार को राजस्व विभाग से जुड़े 80 फीसदी काम प्रभावित हुए हैं। इनमें सबसे बड़ा प्यारी बहना सम्मान निधि के पंजीकरण पर भी पड़ा है। आवेदन दाखिल करने के लिए सत्यता की जांच न होने पाने की वजह से आवेदन फंस गए हैं। इसके अलावा हिमाचली बोनोफाइड सर्टिफिकेट, चरित्र प्रमाणपत्र, आयकर प्रमाणपत्र, जाति आधार पर बनने वाले प्रमाणपत्र, कृषि प्रमाण, बेरोजगारी प्रमाण के अलावा प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि समेत अन्य कार्य नहीं हो सके। इन सभी के लिए ऑनलाइन आवेदन होते हैं और पटवारी इसकी सत्यता की पहचान करते हैं।
ज्यादातर कार्य ऑनलाइन माध्यम से निपटाए जा रहे हैं।


इसके अलावा पटवारी और कानूनगो ने अधिकारियों के व्हाट्सऐप ग्रुप से भी खुद को अलग कर लिया है। ऐसे में सोमवार की कोई भी जानकारी अधिकारियों तक नहीं पहुंच पाई है। एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष सतीश चौधरी ने बताया कि पटवारी और कानूनगो की भर्ती जिला के हिसाब से होती है। अब उन्हें स्टेट कैडर में डाला जाता है, तो इससे उनकी वरिष्ठता पर असर पड़ेगा। भविष्य में पदोन्नति प्रभावित होगी। उन्होंने कहा कि पटवारी स्थानीय भाषा के जानकार रहते हैं और ग्रामीण परिवेश को अच्छी तरह से समझते हैं, लेकिन जब इन्हें स्टेट कैडर में दूसरी जगह भेजा जाएगा, तो इससे भाषा पर भी असर पड़ सकता है। वहीं कैडर के विरोध में प्रदेश भर में सोमवार को एसोसिएशन ने जिला स्तर पर एसडीएम और डीसी को ज्ञापन सौंपे हैं। साथ ही मुख्यमंत्री को ई-मेल के माध्मम से शिकायत भी भेजी है। एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष सतीश चौधरी ने कहा कि 17 जुलाई को एसोसिएशन ने कुल्लू में राज्य स्तरीय बैठक बुलाई है। इस बैठक में भविष्य की रणनीति तैयार की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस बीच यदि राज्य सरकार की तरफ से कैडर को लेकर कोई फैसला नहीं आता है, तो उनका विरोध जारी रहेगा।
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