Bilaspur. बिलासपुर। सूबे में मौसम की बेरुखी के चलते समय पर मक्की की बीजाई करने से चूक गए किसानों की फसल पर अब फॉल आर्मी कीट का खतरा मंडराना शुरू हो गया है। पहले से ही किसान मौसम की बेरूखी की मार झेल रहे हैं। कुछ दिन पहले बारिश होने के बाद मक्की की बीजाई का कार्य किसानों ने किया। लेकिन अब बारिश नहीं होने के चलते किसान को अपनी मक्की की फसल की चिंता सताने लगी है। खासकर मक्की की फसल में फॉल आर्मी कीट से नुकसान होने का खतरा बना हुआ है। इसके लिए किसानों को सर्तक रहने की भी आवश्यकता है। जिला बिलासपुर में 27 हजार हेक्टेयर भूमि पर मक्की की फसल की बीजाई होती है। हर साल मक्की की करीब 70 हजार मीट्रिक टन पैदावार होती है। कृषि विभाग विशेषज्ञों की मानें तो बारिश नहीं होने के चलते अब आर्मीवर्म कीट मक्की की फसल पर हमला करने की ज्यादा संभावना बनी हुई है।
मक्की पर यह कीट कम बारिश होने के कारण आता है। हालांकि हर साल यह कीट किसान की मक्की की फसल पर हमला करता है। लेकिन इसके लिए कृषि विभाग की ओर से पुख्ता प्रबंध किए गए हैं। बाकायदा कृषि विक्रय केंद्रों में दवाई भेजी गई है। ताकि समय पर किसान अपनी फसल पर दवाई स्प्रे कर सकें। विशेषज्ञों के अनुसार मक्की फसल लगाने के बावजूद जब सूखा रहे तो यह कीट मक्की के पौधों पर हमला करना शुरू कर देता है। मक्की की फसल के पौधों के पत्तों से खाना शुरू कर देता है और पूरा पौधा नष्ट कर देता है। वहीं, अब कृषि विभाग के पास अभी तक कोई शिकायत इस कीट के लगने की नहीं पहुंची है। लेकिन सूखा होने के चलते इस तरह की संभावना विशेषज्ञों द्वारा जताई गई है। किसान कोरोजिन दवाई का स्प्रे कर सकते हैं, ताकि इस कीट से मक्की की फसल को बचाया जा सके। 15 लीटर यानि एक पंप में छह मिली लीटर कोरोजिन दवाई को डालें। दवाई डालने के बाद उसे अच्छे से घोल लें। घोलने के बाद एक पंप एक हेक्टेयर क्षेत्र में छिडक़ दें।