सवा लाख लोगों की प्यास बुझा रहा Jal Shakti Department

Update: 2024-07-16 12:03 GMT
Ghumarwin. घुमारवीं। जल शक्ति विभाग घुमारवीं में 62 योजनाओं में से सात में फिल्टर बेड नहीं है। इन सात पेयजल योजनाओं में ग्रेवटी के माध्यम से पानी डाला जाता है। विभाग का दावा है कि अब बिना फिल्टर बेड वाली इन पेयजल योजनाओं को भी बड़ी स्कीमों के साथ जोड़ा जा रहा है, जिससे इन योजनाओं के माध्यम से उपभोक्ताओं को मिलने वाला जल शुद्ध है। बिना फिल्टर बेड की इन ग्रेवटी वाली सात पेयजल योजनाओं से बहुत ही कम उपभोक्ता रह गये हैं। लेकिन, विभाग इन योजनाओं को भी बड़ी पेयजल स्कीमों से जोड़ रहा है। जल शक्ति विभाग ने बरसात के मौसम में सीर खड्ड के मटमैले पानी से होने वाली दिक्कत में भी काफी सुधार कर लिया है। विभाग ने सीर खड्ड पर आश्रित पेयजल योजनाओं के लिए एक गैलरी का निर्माण किया है। यह गैलरी अंडर ग्राउंड बनाई गई है। इसमें बरसात के मौसम में सीर खड्ड के पानी के साथ आने वाली मिट्टी गैलरी में नहीं जाती है। इस गैलरी में पानी रिसकर जाने से बारिश के मौसम में भी लोगों को पीने का पानी दिया जा रहा है। हालांकि, बारिश के मौसम में सीर खड्ड में बाढ़ आने के कारण घुमारवीं शहर सहित कई ग्रामीण इलाकों में पानी की सप्लाई बाधित हो जाती है। बाढ़ के कारण पानी टैंकों में घुस जाता है तथा विभाग की मशीनरी पानी के बहाव में बह जाती है। जिससे कई-कई दिनों तक पानी की
सप्लाई बाधित रहती है।
इससे लोगों को पानी की समस्या हो जाती है। लोगों को पेयजल उपलब्ध करवाने के लिए आईपीएच विभाग ने अब गैलरी का निर्माण किया है, जिससे बारिश के मौसम में सीर खड्ड में बाढ़ आने के कारण दो या तीन दिन पानी की सप्लाई बाधित रहती है। जल शक्ति विभाग के अधिकारियों का मानना है कि विभाग लोगों को शुद्ध पेयजल पहुंचा रहा है। लेकिन, शुद्ध पेयजल को लेकर लोगों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। लोगों को घर-घर तक शुद्ध पेयजल पहुंचाने का विभाग तो दावा करता है, लेकिन बरसात के मौसम में पेयजल सप्लाई को लेकर लोगों के मन में शंका रहती है। लोगों का मानना है कि बरसात के मौसम में सीर खड्ड में बाढ़ आने के कारण मटमैला पानी आता है। इससे कई बार, तो पेयजल योजनाएं ठप रहती हैं। विभाग घुमारवीं के करीब 30 हजार परिवारों के लगभग एक लाख 25 हजार उपभोक्ताओं को पानी उपलब्ध करवाता है। गर्मी के मौसम में कई गांवों में लोगों को दिक्कत होती है। पेयजल योजनाओं में फिल्टर बेड इसलिए बनाए जाते हैं कि पानी छन कर या साफ होकर आगे जाए। पेयजल योजना में प्राकृतिक तरीके से रेत मिट्टी और बजरी का इस्तेमाल कर इसका निर्माण किया जाता है। इससे पानी में आवंछित पदार्थ पीछे छूट जाते हैं और साफ पानी की सप्लाई लोगों को घरों की सप्लाई को बने टैंकों के लिए की जाती है। इसके बगैर लोगों को पानी की सप्लाई बिना फिल्टर के होती है।
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