New Delhi. नई दिल्ली। पिछले कुछ दिनों से विवादों में घिरीं ट्रेनी IAS अधिकारी पूजा खेडकर ने पुणे कलेक्टर सुहास दिवासे पर उत्पीड़न का आरोप लगाया है। पुलिस सूत्रों ने मंगलवार शाम को इसकी जानकारी दी है। 2023 बैच की IAS अधिकारी खेडकर ने यह आरोप तब लगाया है, जब उन्हें वाशिम में ट्रेनिंग से वापस बुला लिया गया है। सुहास दिवासे वही अधिकारी हैं, जिनकी शिकायत पर पूजा खेडकर का ट्रांसफर पुणे से वाशिम किया गया था और खेडकर की नखरेबाजी की खबरें मीडिया की सुर्खियां बन सकी थीं।
सरकार ने मंगलवार को विवादास्पद आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर के जिला प्रशिक्षण कार्यक्रम को स्थगित कर दिया और उन्हें 23 जुलाई तक लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी में रिपोर्ट करने को कहा गया है। पूजा खेडकर सिविल सेवा परीक्षा में चुने जाने के लिए कपटपूर्ण तरीके का इस्तेमाल करने के आरोपों का सामना कर रही हैं। उन्होंने खुद को कथित तौर पर शारीरिक रूप से दिव्यांग और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) समुदाय का बताया था। खेडकर पर पुणे में तैनाती के दौरान विशेषाधिकारों का दुरुपयोग करने का भी आरोप है।अधिकारी ने बताया कि अकादमी ने आगे की आवश्यक कार्रवाई के लिए उन्हें वापस बुलाने का फैसला किया है।
महाराष्ट्र के अतिरिक्त मुख्य सचिव नितिन गदरे द्वारा लिखे गए पत्र में कहा गया है कि अकादमी ने खेडकर के जिला प्रशिक्षण कार्यक्रम को स्थगित करने का निर्णय लिया है तथा आगे की आवश्यक कार्रवाई के लिए उन्हें तत्काल वापस बुला लिया है। पत्र में कहा गया, ‘‘आपको (खेडकर) महाराष्ट्र सरकार के जिला प्रशिक्षण कार्यक्रम से मुक्त किया जाता है। आपको किसी भी परिस्थिति में 23 जुलाई 2024 से पहले अकादमी में रिपोर्ट करने का निर्देश दिया जाता है।’’ इस बीच, पिंपरी स्थित सरकारी यशवंतराव चव्हाण मेमोरियल अस्पताल के डीन डॉ राजेंद्र वाबले ने कहा, ‘‘उन्होंने (खेडकर) 2022 में अपने बाएं घुटने के जोड़ संबंधी दिव्यांगता प्रमाणीकरण के लिए आवेदन किया था। वह चिकित्सा जांच के लिए यहां आई थीं और कई विभागों द्वारा उनका परीक्षण किया गया था।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह पाया गया कि खेडकर में सात प्रतिशत ‘लोकोमोटर दिव्यांगता’ है।’’ 24 अगस्त 2022 को जारी प्रमाणपत्र में कहा गया कि खेडकर के घुटने में सात प्रतिशत दिव्यांगता है।